सोमवार, 14 जून 2021

होटलों ने कोल्ड ड्रिंक को मेन्यू कार्ड में शामिल किया

मऊ। फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक्स के बढ़ते प्रचलन के बावजूद लोगों के लिए 'दिव्य पेय' के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाली 'सतुई लस्सी' गांवों की गली चौपाल से निकल कर आज पांच सितारा होटलों और नामी गिरामी रेस्टोरेंट की शान बन चुकी है। गाजीपुुर समेत पूरे पूर्वांचल और बिहार वासियों के लिए दशकों से सतुई लस्सी सबसे पसंदीदा पेय पदार्थों में शामिल है। लेकिन मुबंई,दिल्ली और बैंगलोर जैसे शहरों में औषधीय गुणों से युक्त इस पेय पदार्थ की बढ़ती मांग को देखते हुये नामी गिरामी रेस्तरां और पंच सितारा होटलों ने इसे अपने मेन्यू कार्ड में शामिल कर लिया है। 

जो केवल स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि अनेक रोगों के लिए भी रामबाण की तरह है। यह ऐसा पेय पदार्थ है, जो पेट की कब्जियत से संबंधित अन्य बीमारियों को दूर करता है। वैसे तो सत्तू को लोग-बाग नमकीन, मीठा, तीखा, ठोस व तरल आहार के अलग-अलग रूपों में विविध स्वादों के साथ ग्राहण करते हैं। लेकिन गर्मी के दिनों में इसका तरल रूप विशेष आनन्द देता है। खास बात यह है कि यह केवल भूख ही नहीं मिटाता, बल्कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इसमें इतने गुण पाए जाते हैं जो विभिन्न प्रकार के रोग व अवसाद से भी दूर रखने का काम करते हैं।

पूर्वांचल के प्रख्यात होटल वैभव के मालिक जितेन्द्र सिंह ने ​बताते है कि अब अतिथियों व ग्राहकों द्वारा प्राय: सतुई लस्सी की मांग की जाती है। जिसके कारण होटल की रसोई में अब यह मेन्यू में भी शामिल हो गया है।बिहार और उत्तर प्रदेश का देशी व्यंजन सत्तू न सिर्फ खाने में लजीज होता है, बल्कि आपके कई रोगों को ठीक करने के लिए औषधि का काम भी करता है। देशी वैद्य भारतेन्दु की मानें तो सत्तू का सेवन करने से न सिर्फ मधुमेह, बल्कि अन्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। मोटापे से भी निजात मिलती है।

सत्तू भूने हुए जौ और चने को पीस कर बनाया जाता है। बिहार व उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों में इसे काफी पसंद किया जाता है। सामान्यतः सत्तू एक चूर्ण के रूप में रहता है, जिसे पानी में घोलकर पिया जाता है। जीरा, काला नमक, कच्चा आम, पुदीने की चटनी, बारीक कटी प्याज, लहसन, अदरक के साथ घोलकर इसे लस्सी के रूप में पीने वालों के सामने प्रस्तुत किया जाता है। यह सतुई लस्सी धीरे-धीरे सामान्य रेस्टोरेंट्स से सितारा होटल व रेस्टोरेंट्स तक अपनी पहुंच बना चुका है। इसकी उपलब्धता का आलम यह है कि कोर्ट, कचहरी, रेलवे स्टेशन, प्रमुख बाजार, बस स्टैंड, कार्यालयों इत्यादि के आस-पास ठेला खोमचा टीन सेट इत्यादि के दुकान में चमकीले व आकर्षक बोर्डों के साथ देखा जा सकता है।

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