मंगलवार, 18 मई 2021

भारत के लिए समस्या जटिल, वैक्सीनेशन को बढ़ाये

कविता गर्ग   नई दिल्ली/जेनेवा। भारत कोरोना महामारी की दूसरी लहर भी संभाल नहीं पा रहा है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि ऐसी कई और लहरें आ सकती हैं। विश्व संगठन की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि इसकी संभावना को देखते हुए भारत के लिए अगले 6-18 महीने कापी अहम हैं। अगर इस दौरान टीकाकरण अभियान की रफ्तार को बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुरक्षित कर लिया जाए, तो इसकी अगली लहरें ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगी। साथ ही इस साल के अंत तक कोरोना के मामलों में कमी आनी शुरू हो जाएगी।
भारत में कोरोना के विस्फोट की वजह बताते हुए डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि पहली बार भारत में मिला कोरोना वायरस का B 1.617 वैरिएंट निश्चित तौर पर ज्यादा संक्रामक है। ये ऑरिजिनल स्ट्रेन से डेढ़ से दो गुना अधिक संक्रामक हो सकता है। इसके अलावा ये ब्रिटेन में पाए गए B 117 वेरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इससे बचने के लिए भारत को अगले 6 से 12 महीनों तक अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना होगा और ज्यादा से ज्यादा आबादी को वैक्सीनेट करना होगा। अगर ऐसा हुआ तभी हालात में सुधार की गुंजाइश बन सकती है।

वैसे, भारत में लगाये जा रहे दोनों कोरोना वैक्सीनों की तारीफ करते हुए डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि दोनों ही टीके कोरोना वायरस  के नए स्ट्रेन के खिलाफ काफी प्रभावशाली है। वैसे कुछ मामलों में दोनों डोज लेनेवाले लोग भी संक्रमित हुए हैं, लेकिन ये कोई बड़ी बात नहीं है। अच्छी बात ये है कि वैक्सीन की दो डोज लेने वालों की रिकवरी ज्यादा जल्दी और आसान रही है।

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