सोमवार, 3 मई 2021

आयोग पर हत्या का मुकदमा, याचिका पर सुनवाईं

अकांशु उपाध्याय                      
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट की निर्वाचन आयोग पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मौखिक टिप्पणी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्वाचन आयोग से कहा है। कि इसे सही परिप्रेक्ष्य में लीजिए। जस्टिस एमआर शाह ने निर्वाचन आयोग से कहा कि आप हाईकोर्ट की टिप्पणी को उसी तरह लीजिए जैसे डॉक्टर की कड़वी दवाई को लिया जाता है।
सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि हमें सुने बिना, यह जाने बिना कि आपदा प्रबंधन किसका काम है, मद्रास हाईकोर्ट ने आयोग के खिलाफ टिप्पणी कर दी। तब जस्टिस शाह ने पूछा कि आयोग का क्या काम है। तब द्विवेदी ने कहा हमारे पास इतना फोर्स नहीं होता कि हर कार्यक्रम पर अंकुश लगाएं। इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जज को सवाल करते समय सावधान रहना चाहिए। लेकिन यह नहीं कह सकते कि मीडिया जज की टिप्पणी को रिपोर्ट न करे। अक्सर सिर्फ लिखित आदेश नहीं जज की टिप्पणी भी लोगों के मन में भरोसा जगाती हैं। तब द्विवेदी ने कहा कि हम सिर्फ इस टिप्पणी की बात कर रहे हैं। इसका केस से कोई संबंध नहीं था।
जस्टिस शाह ने कहा कि हर जज का अलग स्वभाव होता है। कई बार टिप्पणी भी सार्वजनिक हित में की जाती है। इसे सही सन्दर्भ में लेना चाहिए। लेकिन चुनाव आयोग पर लोगों की हत्या का आरोप लगाना अनुचित है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा हम आपकी बात समझते हैं। पर हम हमारे हाईकोर्ट को हतोत्साहित भी नहीं करना चाहते हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसा नहीं कि जज सोचकर आते हैं कि यह बोलना है। बात के क्रम में कई बात कही जाती है। हम एक संवैधानिक संस्था के रूप में चुनाव आयोग का सम्मान करते हैं। द्विवेदी ने कहा कि जो टिप्पणी हुई उसका केस से संबंध नहीं था। यह टिप्पणी भी नहीं थी, एक तरह से हमारे खिलाफ फैसला था।

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