दुष्यंत सिंह टीकम
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकार ब्लैक फंगस को महामारी कहने से बच रही है। विधि विभाग से तकनीकी मार्गदर्शन के बाद ब्लैक फंगस को सूचनीय रोग घोषित कर दिया गया है। इसकी अधिसूचना शनिवार देर रात जारी हुई। अब सरकारी और निजी अस्पतालाें को ब्लैक फंगस के प्रत्येक पुष्ट अथवा संदिग्ध केस की जानकारी जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को देना अनिवार्य होगा।
स्वास्थ्य विभाग की अधिसूचना के मुताबिक, अब ब्लैक फंगस को नोटिफिएबल डीजीज अथवा सूचनीय रोग घोषित किया गया है। अब प्रदेश के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को ब्लैक फंगस की स्क्रिनिंग, पहचान, प्रबंधन के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार, आईसीएमआर और केंद्र सरकार की ओर से समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करना होगा। प्रदेश के सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को ब्लैक फंगस के संदेहास्पद या पुष्ट सभी मामलों की जानकारी संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी देना अनिवार्य होगा। शनिवार रात जारी अधिसूचना एक वर्ष के लिए वैध बनाई गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना ने भी एपिडेमिक डिजीजेज ऐक्ट के तहत इसे सूचनीय रोग ही घोषित किया है। हालांकि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, चंडीगढ़, ओडिशा, उत्तराखंड और गोवा जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ब्लैक फंगस को अधिसूचित संक्रामक रोग यानी महामारी घोषित किया जा चुका है।
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