इसके बाद 28 सितंबर को कोविड-19 के मामले 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख, 19 दिसंबर को एक करोड़ के पार हो गए थे। भारत ने चार मई को गंभीर स्थिति में पहुंचते हुए दो करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया था।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक, छह मई तक 29,86,01,699 नमूनों की जांच की गई है जिनमें से 18,26,490 नमूनों की बृहस्पतिवार को जांच की गई। मौत के नये मामलों में, सर्वाधिक 853 मौत महाराष्ट्र में, उत्तर प्रदेश में 350, दिल्ली में 335, कर्नाटक में 328, छत्तीसगढ़ में 212, तमिलनाडु में 195, हरियाणा में 177, पंजाब में 154, उत्तराखंड में 151, झारखंड में 133, गुजरात में 123, पश्चिम बंगाल में 117 लोगों की मौत हो गई।
देश में अबतक हुई कुल 2,34,083 मौत में से 73,515 महाराष्ट्र में, 18,398, दिल्ली में, 17,212 लोगों की कर्नाटक में, 14,974 की तमिलनाडु में, 14,501 उत्तर प्रदेश में, 11,964 लोगों की पश्चिम बंगाल में, 9,979 की पंजाब में, 9,645 लोगों की पंजाब में और 9,950 की छत्तीसगढ़ में मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मरीजों की मौत अन्य गंभीर बीमारियों के कारण हुई है।
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