गुरुवार, 15 अप्रैल 2021

वैज्ञानिकों को मिला डायनासोर के 'पेट का पत्थर'

नई दिल्ली/ वाशिंगटन डीसी। जैसे इंसानों की किडनी और गॉल ब्लैडर में स्टोन्स यानी पत्थर पाए जाते हैं। वैसे ही करोड़ों साल पहले डायनासोर के पेट में भी स्टोन्स मिलते थे। इसका पता पुरातत्वविदों इससे पता चला कि डायनासोर जब दर्द में होते थे, या उन्हें खतरा महसूस होता था तो वो एक बार में 1000 किलोमीटर तक चले जाते थे। यह काम सबसे ज्यादा लंबी गर्दन वाले शाकाहारी डायनासोरों ने किया था, जिस जगह जाते थे। वहां अपने मल या उल्टी के साथ पेट का स्टोन निकाल देते थे। वैसे ही कुछ पत्थर अब वैज्ञानिकों को मिले हैं। जो पत्थर वैज्ञानिकों को मिले हैं उनका रंग गुलाबी भूरी रंगत का है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बताया कि ये अमेरिका के विस्कॉन्सिन से 1000 किलोमीटर दूर स्थित व्योमिंग में मिले क्योंकि डायनासोर विस्कॉन्सिन से व्योमिंग तक गए थे दोनों जगहों के रास्ते में इनके पैरों के निशान और जुरासिक काल से संबंधित प्राचीन सबूत मिले हैं।
ऑस्टिन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के जैक्सन स्कूल ऑफ जियोसाइंसेस के ग्रैजुएट स्टूडेंट और इस स्टडी के प्रमुख शोधकर्ता जोश मैलोन ने बताया कि ये पत्थर देश के दक्षिण हिस्से में स्थित विस्कॉन्सिन से उत्तर-मध्य व्योमिंग तक डायनासोर के पेट में गए थे। ये अब तक डायनासोरों द्वारा विस्थापन की सबसे लंबी दूरी है।

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