मंगलवार, 6 अप्रैल 2021

जंगलों में लगीं आग का एचसी ने लिया स्वतः संज्ञान

पंकज कपूर     
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में बढ़ती वनाग्नि के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रमुख वन संरक्षक (पी.सी.सी.एफ.) को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने वनाग्नि को पर्यावरण और इंसानों के लिए बड़ा खतरा माना है। 

बुधवार सवेरे मामले की सुनवाई होनी तय हुई है। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने न्यायालय के सामने क्षेत्र के हालातों को रखा, जिसके बाद न्यायालय इन घटनाओं को लेकर गंभीर दिखा। अधिवक्ता मैनाली ने बताया कि न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि हर वर्ष होने वाली इन गतिविधियों के लिए सरकार स्थाई व्यवस्थाएं क्यों लागू नहीं करती है ? बताया कि न्यायालय ने सरकार से इस बात को लेकर भी नाराजगी जताई कि कोविड19 के दौर में लोगों को सांस लेने में दिखकत आ रही है और वनाग्नि का धुंआ उनके लिए और भी घातक सिद्ध हो सकता है। खंडपीठ ने पी.सी.सी.एफ.से बुधवार को वर्चुअल मोड के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित रहने को कहा है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...