गुरुवार, 4 मार्च 2021

टूटे कांच के टुकड़ों के पास जाने से भय लगता है

अकांशु उपाध्याय    

नई दिल्ली। आमतौर पर टूटे कांच के टुकड़ों के पास जाने में किसी को भी भय लगता है और यह डर लम्बे समय तक व्यक्ति के दिलो दिमाग में छाया रहता है। मन में बसे ऐसे डर को दूर करने के लिए लोग साहसिक खेलों का सहारा भी लेते हैं। ऐसे ही एक अनूठे साहसिक काम को अंजाम दिया है। एग्जीक्यूटिव कोच और प्रेरक स्पीकर डॉ. राजेश मोहन राय ने जिन्होंने कांच के टुकड़ों पर नंगे पांव पैदल चलने के सत्र का आयोजन किया। डॉ. राय ने राजधानी के अलीपुर में इस सत्र का आयोजन किया। जिसमें जमीन पर बिछाए गए कांच के टुकड़ों पर करीब 30 लोग चले। जिनमें एक महिला कर्मी, एक युवा निदेशक और कंपनी के चेयरमैन भी शामिल थे। डॉ. राय ने इस अनूठे और जोखिम भरे सत्र के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा,”बचपन से ही लोग कांच के टूटे टुकड़ों के पास जाने से घबराते हैं और ऐसे सत्र से लोगों के दिलों में बसा डर दूर करने में मदद मिलती है।


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