शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021

यूपी: जनता को जागरूक करेगी योगी हेल्पलाइन

जनता को जागरूक करेगी योगी हेल्पलाइन
हरिओम उपाध्याय 
लखनऊ। हेल्पलाइन का उद्देश्य एक तरफ जहां सज्जनों (जन सामान्य) को निडर रहने का आश्वासन देना है। वहीं दुर्जनों अर्थात् समाज के लिए अहितकर काम करने वाले अफसरों को दण्ड देना भी है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि जनता की शिकायतों के निस्तारण के आधार पर ही अधिकारियों को प्रोन्नति मिल सकेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी यह भी चाहते हैं, कि प्रदेश में राष्ट्र गौरव के जो प्रतीक रहे हैं। उनके बारे में नयी पीढ़ी को जानकारी मिले।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक हेल्पलाइन नम्बर जारी किया है। यह प्रयास जनता को आश्वस्त करने के साथ जागरूक करने के लिए है। मुख्यमंत्री अपनी सरकार को रामराज्य के सिद्धांत पर चलाने की बात करते हैं। इसीलिए हेल्पलाइन का उद्देश्य एक तरफ जहां सज्जनों (जन सामान्य) को निडर रहने का आश्वासन देना है।वहीं दुर्जनों अर्थात् समाज के लिए अहितकर काम करने वाले अफसरों को दण्ड देना भी है। मुख्यमंत्री कहते हैं। कि जनता की शिकायतों के निस्तारण के आधार पर ही अधिकारियों को प्रोन्नति मिल सकेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी यह भी चाहते हैं। कि प्रदेश में राष्ट्र गौरव के जो प्रतीक रहे हैं। उनके बारे में नयी पीढ़ी को जानकारी मिले। इसी के तहत गोरखपुर में हुए चौरी-चौरा कांड की घटना को माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश के किसी भी नागरिक को कोई समस्या हो, बेझिझक मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर सम्पर्क कर सकता है। उन्होंने कहा है। कि सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के आधार पर फील्ड में तैनात अधिकारियों के प्रदर्शन का आंकलन होगा। सीएम ने साफ कहा है। कि तहसीलदार हो या थानाध्यक्ष, अगर जनता इनके कार्यों से संतुष्ट नहीं है। तो इनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होगी। लखनऊ के लोकभवन में उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन 1076 के अधिकाधिक प्रयोग के लिए जनता को जागरूक करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना एवं तहसील स्तर पर जिस भी व्यक्ति की समस्या का निस्तारण नहीं हो सका है। वह व्यक्ति अपनी समस्या को लेकर सीएम हेल्पलाइन 1076 पर कभी भी संपर्क कर सकता है। हेल्पलाइन पर मिली ऐसी शिकायतों का तत्परता से निराकरण कराया जाएगा। इसके साथ ही थाना तथा तहसील स्तर पर जनता की शिकायत का निस्तारण किये जाने को लेकर जिले के जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान और थानेदार को जवाबदेह बनाया जाएगा। यही नहीं सीएम हेल्पलाइन पर फर्जी शिकायत दर्ज करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। सीएम ने कहा कि अब थाना तथा तहसील स्तर पर निस्तारित हुई जनता की समस्याओं की रेटिंग भी की जायेगी, ताकि यह पता चल सके कि किस जिले में जनता की समस्याओं के निस्तारण में तेजी दिखाई जा रही है। मुख्यमंत्री आवास पर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए सीएम योगी ने थाना एवं तहसील स्तर पर जनता की समस्याओं के निस्तारण संबंधी तंत्र पर चर्चा करते हुए यह फैसला लिया है। दरअसल मुख्यमंत्री को यह पता चला था। कि थाना तथा तहसील स्तर पर जनता से मिलने वाली शिकायतों का निस्तारण ठीक से नहीं हो रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने जनता से मिलने वाली हर शिकायत के निस्तारण की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश दिया। जिसके तहत ही सीएम हेल्पलाइन पर थाना एवं तहसील स्तर पर निस्तारित न हो पाने वाले प्रकरणों को जनता से प्राप्त करने का फैसला किया गया। सरकार का मत है। कि सीएम हेल्पलाइन के जरिये जनता की समस्याओं के निस्तारण में तेजी आयेगी। सीएम हेल्पलाइन ने कोरोना संकट के दौरान जनता की मदद करने में बेहद अहम भूमिका निभाई थी। देश के सबसे बड़े इस सरकारी हेल्पलाइन में कुल 250 ऑपरेटर चौबीसों घंटे लोगों की समस्याओं के निबटारे और उनकी निगरानी के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। लॉकडाउन के शुरुआत में सीएम हेल्पलाइन के जरिए सभी जिलों के गांवों और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले उन लोगों की सूची तैयार की गई थी जो सर्दी-खांसी से पीड़ित थे। इसी हेल्पलाइन के जरिए तब सभी प्रधानों और सभासदों को फोन करके प्रवासी लोगों के भरण-पोषण और उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने को गया था। इसके अलावा तब सभी प्रधानों और पार्षदों को फोन करके राशन और भोजन वितरण, क्वारंटाइन, प्रवासी मजदूरों को मिलने वाली सुविधाएं जैसे बिंदुओं पर फीडबैक लिया गया था। और किसी भी सरकारी सिस्टम के बगैर दूसरे राज्यों से पहुंचे लोगों के इलाज आदि का भी पता लगाया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यह भी चाहते हैं। कि नयी पीढ़ी देश का इतिहास समझे। माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र अब चौरी-चौरा जन-आक्रोश के शहीदों की वीरगाथाएं किताबों में पढ़ सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग चौरी-चौरा की घटना को यूपी बोर्ड के पाठयक्रम में शामिल करने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने चौरी-चौरा जनआक्रोश को शताब्दी समारोह के रूप में मनाए जाने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में पहले चरण में गोरखपुर मंडल के 400 से अधिक राजकीय व एडेड माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को चैरी चैरा स्थल का भ्रमण कराया जाएगा। इससे छात्र वहां के शहीदों की गाथाओं से रूबरू हो सकेंगे। गोरखपुर के चौरी-चौरा में 4 फरवरी 1922 में आजादी के वीर जवानों ने अंग्रेजी हुकूमत से भिड़ंत के बाद पुलिस चैकी में आग लगा दी थी। इसमें 22 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी। इस घटना को चौरी-चौरा जनआक्रोश के रूप में जाना जाता है। शहीदों के इसी शौर्य की कहानी को अब पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। इससे प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों छात्र चौरी-चौरा जनक्रांति में शहीद अपने वीरों के इतिहास से रूबरू हो सकेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग छात्रों को न सिर्फ वीरों के इतिहास को पाठयक्रम के रूप में पढ़ाएगा बल्कि छात्रों को शहीदों के स्थल चौरी-चौरा का भ्रमण भी कराएगा। पहले चरण में गोरखपुर मंडल के देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर व गोरखपुर के 87 राजकीय विद्यालयों, 333 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय के छात्रों को चौरी-चौरा शहीद स्थल का भ्रमण कराया जाएगा। इसमें मंडल के निजी स्कूलों को भी शामिल किया जाएगा। चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के दौरान प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में चार फरवरी 2021 से आगामी एक साल तक छात्र-छात्राओं के बीच निबंध, चित्रकला व पोस्टर, क्विज, स्लोगन, कविता लेखन व भाषण प्रतियोगिताएं भी कराई जाएंगी। इसके लिए पहले विद्यालय स्तर से शुरुआत होगी। फिर यह क्रम राज्य स्तर तक जारी रहेगा। तीन फरवरी 2022 को गोरखपुर में मंडल स्तरीय प्रतियोगिता कराई जाएगी। इस तरह सभी गांवों में भी देश के लिए त्याग करने वालों का स्मारक बनेगा।

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