रविवार, 28 फ़रवरी 2021

'मन की बात’ में पीएम ने बताई अपनी बड़ी कमी

मन की बात’ में पीएम मोदी ने बताई अपनी सबसे बड़ी कमी 
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात के 72वें संस्करण को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने अपनी सबसे बड़ी कमी का भी उल्लेख किया। पीएम ने कहा कि उन्हें इस बात का मलाल है। कि उन्होंने विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा तमिल नहीं सीखी। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक ऐसी सुंदर भाषा है। जो दुनिया भर में लोकप्रिय है। उन्होंने कहा बहुत से लोगों ने मुझे तमिल साहित्य की क्वालिटी और इसमें लिखी गई कविताओं की गहराई के बारे में बहुत कुछ बताया है। लेकिन अफसोस कि मैं इसे सीख नहीं सका
पीएम मोदी ने हैदराबाद की अपर्णा के एक सवाल का उल्लेख करते हुए कहा कि कभी-कभी बहुत छोटा और साधारण सा सवाल भी मन को झकझोर जाता है। ये सवाल लंबे नहीं होते हैं। बहुत सामान्य होते हैं। फिर भी वे हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं। उन्होंने कहा कुछ दिनों पहले हैदराबाद की अपर्णा जी ने मुझसे एक ऐसा ही सवाल पूछा, कि आप इतने साल पीएम रहे, सीएम रहे, क्या आपको लगता है कि कुछ कमी रह गई है।
पीएम मोदी ने कहा। यह सवाल जितना सहज और सरल था। उतना ही मुश्किल भी था। मैंने इस पर विचार किया और खुद से कहा कि मेरी एक कमी यह रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया।
पीएम मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम में संस्कृत की दो ऑडियो क्लिप भी सुनाए जिसमें एक टूरिस्ट संस्कृत में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के बारे में दर्शकों को बता रह है। दूसरे ऑडियो में एक शख्स संस्कृत में क्रिकेट की कमेंट्री कर रहा है। वह शख्स वाराणसी के संस्कृत केंद्र से संबंधित है। पीएम ने कहा कि क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों की कमेंट्री भी शुरू होनी चाहिए. इसके लिए उन्होंने खेल मंत्रालय और निजी क्षेत्र से भी भागीदारी की अपील की।
पीएम ने आगामी परीक्षाओं के बारे में भी चर्चा की और छात्रों का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने शिक्षकों और छात्रों से माय गॉव पोर्टल पर संपर्क करने की सलाह दी और कहा कि वहां परीक्षा के टिप्स दिए गए हैं। जिसका लाभ उठाना चाहिए। पीएम ने बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच फिर से लोगों को सचेत रहने को भी कहा है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान में विज्ञान का योगदान
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस है। आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सीवी रमन जी द्वारा की गई ‘रमन इफेक्ट’ खोज को समर्पित है। जब हम विज्ञान की बात करते हैं। तो कई बार इसे लोग भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान या फिर लैब तक ही सीमित कर देते हैं। लेकिन विज्ञान का विस्तार इससे कहीं ज्यादा है। और आत्मनिर्भर भारत अभियान में विज्ञान की शक्ति का बहुत योगदान है।

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