शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021

म्‍यूटेशन का अर्थ, लगातार लक्षणों में भी बदलाव

लंदन। विश्व में एक वर्ष से अधिक समय से कोहराम मचा रहा कोरोना वायरस (कोविड-19) अब तक कई बार बदल चुका है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अब तक इसके चार हजार म्‍यूटेशन सामने आ चुके हैं। म्‍यूटेशन का अर्थ है, कि ये लगातार बदल रहा है। इस बदलाव के साथ-साथ मरीजों में होने वाले लक्षणों में भी बदलाव आया है। ब्रिटेन में हाल ही में केंट वेरिएंट के सामने आने से वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि ये वेरिएंट ज्‍यादा तेजी से फैलता है। ब्रिटेन की जेनेटिक सर्विलांस प्रोग्राम की की प्रमुख ने यहां तक कहा है कि इससे चलने वाली लड़ाई एक दशक तक चल सकती है और ये वेरिएंट पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि ब्रिटेन में इससे पहले भी इस वायरस का एक वेरिएंट सामने आ चुका है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के मुताबिक अब तक सामने आने वाले तीन प्रमुख वेरिएंट ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में सामने आए हैं। इसके बाद इनसे जुड़े मामले दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिले हैं। ब्रिटेन में सामने आना वाला कोरोना वायरस का वेरिएंट जिसको B.1.1.7 का नाम दिया गया था, के वर्ष 2020 में कई म्‍यूटेशन सामने आए थे। इस वेरिएंट की सबसे बड़ी बात ये थी कि ये दूसरे वेरिएंट के मुकाबले आसानी से और बेहद तेजी से फैलता है। जनवरी 2021 में ब्रिटेन के विशेषज्ञों ने कहा था कि इसकी वजह से देश में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है। इन विशेषज्ञों ने कोरोना के इस वेरिएंट को लेकर चिंता व्‍यक्‍त की थी। हालांकि, सीडीसी ने कहा है कि ब्रिटेन के विशेषज्ञों के बयानों की पुष्टि के लिए इस वायरस का अभी और विश्‍लेषण किए जाने की जरूरत है। कोरोना का ये वेरिएंट अब तक दुनिया के कई देशों में पाया जा चुका है। इस वेरिएंट का पहली बार पता अमेरिका में दिसंबर 2020 में चला था। कोरोना वायरस का एक और वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था जिसको B.1.351 का नाम दिया गया था। ये B.1.1.7 काफी अलग था। इसका पहली बार पता अक्‍टूबर 2020 में चला था। इस वायरस के बाद में और म्‍यूटेशन भी सामने आए थे जनवरी 2021 के अंत में इस वेरिएंट के मामले अमेरिका में भी पता चले थे।ब्राजील में मिले कोरोना के नए वेरिएंट को P.1 का नाम दिया गया था। इसको पहली बार जनवरी 2021 में ब्राजील से जापान गए एक यात्री में पाया गया था। इस यात्री को जापान के एक एयरपोर्ट पर स्‍केनिंग के बाद रोक लिया गया था। बाद में जांच में इसमें ये वेरिएंट पाया गया। बाद में इसके भी म्‍यूटेशन सामने आए थे। शोध में पाया गया कि ये वेरिएंट शरीर में बनने वाली प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। सीडीसी की मानें तो कोरोना के ये प्रकार ज्‍यादा तेजी से और आसानी से फैलता है। इसकी वजह से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं। इसका सीधा असर दुनियाभर की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर भी पड़ सकता है। इसकी वजह से अस्‍पतालों में मरीज तो बढ़ ही सकते हैं। साथ ही इससे होने वाली मौतों में भी इजाफा हो सकता है। सीडीसी ने ये भी कहा है कि कोरोना वैक्‍सीन के आने के बाद भी लोगों को इस वायरस के प्रति हर तरह की सावधानी बरतनी जरूरी है। इसमें मास्‍क लगाने के अलावा एक दूसरे से दूरी बनाए रखने, हाथों को कुछ-कुछ देर बाद साबुन से अच्‍छे से धोने और किसी तरह के लक्षण होने पर खुद को आइसोलेशन में रखना शामिल है। इन सभी एहतियात को अपना ही हम खुद बच सकते हैं और दूसरों को सुरक्षित रख सकते हैं। वैज्ञानिक इस वायरस के अलग-अलग वेरिएंट को जानने और पहचानने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसके बावजूद अभी इस पर काफी शोध की जरूरत है। वैज्ञानिक जीन खास सवालों के जवाब तलाश रहे हैं।उनमें पहला है कि ये वेरिएंट कैसे फैलता है। एक दूसरे से कैसे ये वेरिएंट अलग होते हैं और एक दूसरे वेरिएंट का कारण बनते हैं। लगातान सामने आने वाले ये वेरिएंट इसके इलाज को कैसे प्रभावित करते हैं। सीडीसी के मुताबिक अब तक मिली जानकारी के हिसाब से ये एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति में फैलते हैं। इसके संक्रमण में आने से हल्‍के से लेकर गंभीर लक्षण तक हो सकते हैं। अब तक जितनी कोरोना वैक्‍सीन सामने आई हैं। उनका प्रभाव इसके वेरिएंट के हिसाब से अलग हो सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...