सोमवार, 15 फ़रवरी 2021

हाउस टैक्स में बढ़ोतरी को लेकर जमकर हंगामा हुआ

अश्वनी उपाध्याय   

गाजियाबाद। नगर निगम की बोर्ड बैठक में रविवार को हाउस टैक्स में बढ़ोतरी सहित कई विषयों को लेकर जमकर हंगामा हुआ। पार्षद रजनी देवी का कहना था कि जो हाउस टैक्स प्रस्तावित किया गया है। उसको कर लागू कर दिया गया तो कोरोना काल में लोग परेशान हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर हाउस टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव वापस नहीं लिया गया तो मुख्यमंत्री आवास पर धरना देना पड़े, तो पीछे नहीं हटेंगी। पार्षद मनोज चौधरी ने भी हाउस टैक्स बढ़ाने का विरोध किया। साथ ही उन्होंने लाइट विभाग में घोटाले का आरोप भी लगाया। पार्षद आनंद चौधरी ने भी हाउस टैक्स बढ़ाने का विरोध किया। पार्षद अनिल स्वामी का कहना है कि किसी भी सूरत में हाउस टैक्स में बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए। जो मकान हाउस टैक्स से छूटे हैं, उनसे हाउस टैक्स वसूल कर निगम इनकम बढ़ा सकता है। पार्षद आनंद चौधरी का कहना था कि नगर निगम में पार्किंग में घोटाला हो रहा है। पार्षद एसके माहेश्वरी ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि अगर विकास कार्य नहीं कराने है तो क्या मैं सल्फास खा लूं या नगर निगम से इस्तीफा देकर चला जाऊं। उन्होंने कहा कि अधिकारी पार्षदों का सम्मान नहीं करते हैं। पार्षद अनिल स्वामी ने कंप्यूटर ऑपरेटर का वेतन बढ़ाने की भी मांग की। मेयर आशा शर्मा का कहना था कि टैक्स को लेकर अलग से बैठक बुलाई जाएगी। निगम बोर्ड की बैठक में आज चालू वित्त वर्ष का मूल और पुनरीक्षित बजट पेश किया गया। मूल बजट में 1077 करोड़ रुपये की आय और 846 करोड़ रुपये का व्यय दिखाया गया। जबकि पुनरीक्षित बजट में 1015 करोड़ रुपये की आय और 892 करोड़ रुपये का व्यय दिखाया गया है। दोनों ही बजट को इससे पहले कार्यकारिणी में पेश किया गया था। कुछ संशोधनों के बाद कार्यकारिणी से बजट पहले ही पास हो चुका है। बजटीय बैठक में कई मसलों को लेकर जमकर हंगामा भी हुआ। लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में बोर्ड की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मेयर आशा शर्मा ने की। इस दौरान नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर आदि अधिकारी मौजूद रहे। बजट को एकाउंट अफसर एके मिश्रा ने सदन में पेश किया। मूल बजट की बात करें तो उसमें 353 करोड़ रुपये प्रारंभिक अवशेष दिखाया गया और 723 करोड़ रुपये की शुद्ध आय दिखाई गई है। दोनों का जोड़ यानी कुल आय 10,077 करोड़ रुपये दिखाई गई है। चालू वित्त वर्ष में विकास कार्यों पर कुल निगम ने 846 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है। इसमें सबसे बड़ा खर्च निर्माण विभाग पर किया गया है। पुनरीक्षित बजट में आय और व्यय अलग-अलग दर्शाए गए हैं। पुनरीक्षित बजट में प्रारंभिक अवशेष 353 करोड़ रुपये दर्शाया गया है। शुद्ध आय निगम ने इसमें 661 करोड़ रुपये दिखाई है। इस तरह से औसत आय 1015 करोड़ रुपये दिखाई गई है जबकि व्यय 982 करोड़ रुपये दर्शाया गया है। इस तरह से नगर निगम के मूल और पुनरीक्षित बजट के आंकड़ों में भी काफी अंतर है और इस पर भी सदन में विस्तार से चर्चा की गई है। पुनरीक्षित बजट में आय सबसे अधिक अवस्थापना निधि मद से 157 करोड़ रुपये दर्शाई गई है। सबसे ज्यादा व्यय 201 करोड़ रुपये विकास कार्यों पर खर्च करने का आंकड़ा जारी किया गया है। हाउस टैक्स में हो रहे खेल को लेकर नगर निगम बोर्ड की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। भाजपा पार्षद राजीव शर्मा नीचे जमीन पर बैठ गए इसको लेकर जमकर हंगामा हुआ।

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