शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

असफलता: किसान व सरकार फिर आमने-सामने

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। देश में कृषि सुधार के लिए पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों के साथ आज सरकार फिर बातचीत हो रही है। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच नौवें दौर की बातचीत जारी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेषज्ञ समिति को लेकर जारी विवाद के बीच आज ये बैठक हो रही है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के मुताबिक अब तक किसी भी प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पाई है। फिलहाल लंच ब्रेक के बाद किसानों और सरकार के बीच बातचीत दोबारा चल रही है। इससे पहले सरकार और किसान संगठनों के बीच आठ दौर की बातचीत हो चुकी है। आठ जनवरी को आठवें दौर की वार्ता में भी कोई हल नहीं निकल सका था। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार खुले मन से बैठक में शामिल होगी और किसानों की शंकाओं को दूर करेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा है कि सरकार और किसानों के बीच तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए चल रही बैठक में लंच तक किसी भी प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पाई है। ब्रेक के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) गारंटी अधिनियम पर चर्चा की जाएगी। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं और सरकार के बीच हुई बातचीत में लंच ब्रेक हुआ है। किसान नेता फिलहाल लंच कर रहे हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच 9वें दौर की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद हैं।केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जल्द ही कृषि कानूनों पर किसानों के साथ बातचीत करने के लिए विज्ञान भवन पहुंचे। यहां पहुंचने से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से बातचीत से पहले कहा कि सरकार, किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करती है। सरकार समिति (न्यायालय द्वारा नियुक्त) के समक्ष अपने विचार रखेगी। हम बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। किसान नेता नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के साथ नौवें दौर की बातचीत करने के लिए विज्ञान भवन पहुंच गए हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को तीन कानूनों को रद्द करने और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने की योजना तैयार करने की आवश्यकता है।
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्ना मोल्ला ने कहा है कि हम बहुत उम्मीद नहीं करते हैं, सरकार के साथ अंतिम दौर की वार्ता विफल रही और अब उन्हें अदालत से सहायता प्राप्त करने का अवसर मिला है। मुझे लगता है कि सरकार चर्चाओं को आगे बढ़ाने वाली नहीं है। 3 खेती कानूनों पर और सुधार का कोई मौका नहीं है। टिकरी बॉर्डर पर आज 51वें दिन भी कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सरकार के साथ हमारी पहले भी 8 बार बैठक हो चुकी है, जिसमें कोई हल नहीं निकला। किसानों को उम्मीद नहीं है कि इस बार भी बैठक में कुछ निकलेगा।

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