मंगलवार, 19 जनवरी 2021

आंदोलन पर बोले भूपेश, विरोध को दबाने का प्रयास

रायपुर। केंद्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (हृढ्ढ्र) के नोटिस से केंद्र सरकार पर राजनीतिक हमला तेज हो गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जब भी कहीं विरोध होता है भाजपा उसे बदनाम करने की कोशिश करती है। लेकिन इस बार सामने किसान हैं, वे डरेंगे नहीं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश भाजपा के प्रस्तावित आंदोलन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि क्चछ्वक्क की प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी हंटर मार रही हैं, इसलिए यहां के भाजपा नेता आंदोलन कर रहे हैं। हकीकत यह है कि भाजपा के पास छत्तीसगढ़ में कोई मुद्दा नहीं बचा है। मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा प्रदेश के 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने के लिए आंदोलन करे तो अच्छा है। उन्होंने पूछा कि भाजपा नेताओं को बताना चाहिए कि क्या वे अपना धान खुली मंडियों में बेचना चाहते थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर पुलवामा हमले को लेकर केन्द्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण मामले की जांच सिटिंग जज की देखरेख में होनी चाहिए। दरअसल सीएम भूपेश ने अर्णब गोस्वामी के चैट के सामने आने के मामले में कहा कि देश की सुरक्षा के लिए यह बेहद खतरनाक है। इतनी गोपनीय जानकारी किसी पत्रकार को कैसे हो गई? अगर यह सच है तो इस मामले की जांच होनी चाहिए। इस मामले में तो एनआईए औैर न्यायालय को स्वत: संज्ञान में लेकर कार्रवाई की जानी चाहिए।

सीएम पुरंदेश्वरी की सक्रियता से परेशान : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह सिंह ने कहा कि पुरंदेश्वरी की सक्रियता से सीएम बघेल को तकलीफ हो रही है। प्रदेश में अगर किसानों को समस्याएं नहीं है, तो 255 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या क्यों की है? किसानों को रूला-रूला कर धान खरीदी करने का क्या मतलब है? दूसरी ओर पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पुरंदेश्वरी की सक्रियता से कांग्रेस परेशान हो उठी है। भाजपा लोकतांत्रिक पार्टी है। हमें दो साल विपक्ष में हुए हैं और हम जनता के साथ खड़े हैं। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सीएम भूपेश बघेल को बोलने से पहले सोच लेना चाहिए कि वह क्या कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों को समझ जाना चाहिए कि मंडियां चालू रहेंगी, सपोर्ट प्राइज में फसल खरीदी जाएगी, केंद्र सरकार सब की मांगों को लेकर सहमत है। इस कानून के विरोध में हरियाणा-पंजाब के कुछ सीमित लोग ही हैं। बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जो तीन कानून लाई है वह कांग्रेस भी लाना चाहती थी।

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