रविवार, 10 जनवरी 2021

7वीं बार दिल्ली परेड में प्रतिनिधित्व करेंगी रिखी क्षत्रीय

सातवीं बार दिल्ली परेड में प्रतिनिधित्व करेंगी छग की रिखी क्षत्रीय

नई दिल्ली। दिल्ली में इस बार गणतंत्र दिवस के परेड में लोक कलाकार रिखी क्षत्रीय छत्तीसगढ़ की झांँकी का नेतृत्व करेंगी। राजपथ पर झांँकी में जहाँ 22 वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी होगी वहीं इसका धुन भी परेड ग्राऊँड में गूंँजेगा। रिखी क्षत्रीय इस गणतंत्र दिवस में सातवीं बार परेड में शामिल हो रही है। नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर होने वाले परेड में इस बार का थीम छत्तीसगढ़ के लोक संगीत का वैभव है। रिखी क्षत्रीय एवं उनकी टीम द्वारा करीब दो माह से इसे लेकर लगातार मेहनत करने के बाद नई दिल्ली से उनके समूह को मंजूरी दी गई है। राजपथ में इस बार गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सहित अनेक गणमान्य के बीच लोक वाद्यों पर आधारित छत्तीसगढ़ की झांँकी प्रदर्शित होगी। इसमें सबसे ऊपर छत्तीसगढ़ का पारंपरिक मुंडा बाजा होगा।
छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट के कनवर्टर शाप से सेवानिवृत्त रिखी क्षत्रीय गणतंत्र दिवस में छग की झाँकी के साथ अवसर मिलने पर बेहद उत्साहित हैं। वे अपने बेहतर प्रदर्शन के लिये दिल्ली पहुँच चुकी हैं , जहाँ अभ्यास के कठिन दौर से गुजरने के बाद उनकी टीम राजपथ पर उतरने के लिये तैयार होगी।
रिखी क्षत्रीय ने चर्चा के दौरान बताया कि दुर्लभ लोक वाद्य पर आधारित झांँकी का चयन भी कठिन प्रक्रिया के बाद हुआ है।जिसमें राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार के अधिकारियों ने कई दौर पर परखा। उसके बाद माडल को मंजूरी मिली और अंत में राजपथ पर इस झांँकी के साथ बजने वाले संगीत को चयनित किया गया। उन्होंने आगे बताया कि राजपथ पर सिर्फ 55 सेकंड का ही संगीत बजेगा। झांँकी का ग्राफिक्स माडल उनकी निगरानी में बनाया गया है। इसमें कई बार फेरबदल के बाद अंतिम रूप से चयन किया गया है। जहांँ रिखी क्षत्रीय सबसे ऊपर रहेंगे और उनके साथ चार कलाकार होंगे, वहीं नीचे झांँकी के दोनों हिस्से में चार-चार कलाकार रहेंगे। उन्होंने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ झांँकी की मंजूरी के लिये कुल छह बार बैठक हुई है। जिसमें कई मानकों के अनुरूप तैयारियांँ करवायी गई। इस दौरान अधिकारियों ने हर लोकवाद्य के पीछे की परंपरा और उससे जुड़ी लोक कथाओं पर भी विस्तार से जानकारी ली। तब जाकर अंतिम रूप में इनका चयन किया गया। उन्होंने बताया कि राजपथ पर झाँकी में प्रदर्शित होने वाली 22 वाद्ययंत्रों को उसने स्वयं ही बनाया है। तीन दशक की मेहनत से उन्होंने छत्तीसगढ़ में घूम घूमकर इनके सामानों का संग्रह किया है। इस बार गणतंत्र दिवस पर छत्तीसगढ़ की झांँकी में प्रदर्शित वाद्ययंत्रों में धनकुल , अलगोजा , खंजरी , नगाड़ा , नवजीवन , बाना , चिकारा , तुलबुल , मादर , माहिया , ढोल , तुरई , गुजरी , लोहारी बाजा , कमरिया , घटिया , ढोल , तमूरा , मुंडा बाजा और देव नगाड़ा को शामिल किया गया है। गौरतलब है। कि रिखी क्षत्रीय राजपथ पर इस गणतंत्र दिवस परेड में सातवीं बार प्रदर्शन करेंगी। इससे पहले वे वर्ष 2005 , 2006, 2008, 2010, 2012 एवं 2015 में राजपथ पर परेड में शामिल हुई थी। इसके बाद इस बार 2021में एक बार फिर दिल्ली में राजपथ पर छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करेंगी।

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