बुधवार, 23 दिसंबर 2020

आंदोलन को हल्के में ना लें सरकार, आग से ना खेले

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर बैठे किसानों ने कहा है, कि केंद्र सरकार सरकार आग से ना खेलें और आंदोलन को हल्के में ना लें। संयुक्त किसान मोर्चा का प्रेस कांफ्रेस कहा कि वो सरकार की ओर से मिले बातचीत के न्योते को खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव पर कोई बातचीत संभव नहीं है। किसान संगठन इससे पहले भी मोदी सरकार के प्रस्तावों को खारिज कर चुके हैं। किसानों का कहना है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों में संशोधन नहीं, रद्द करे। किसान नेताओं ने कहा कि हम तीनों कानून को रद्द करने के नीचे हम तैयार नहीं है। सरकार इस तरह के प्रस्ताव भेजकर सिर्फ साजिश रच रही है। इसे हम पहले भी खारिज कर चुके है। किसान सिर्फ अन्न पैदा नहीं करता है। उनके बेटे देश की सीमा पर सुरक्षा घेरा बनाते है। सीमा पर तैनात बेटों का भी मनोबल गिर रहा है। उनके मां-बाप सड़कों पर है। हम सरकार को चेतावनी देते है कि वह आग से ना खेलें। किसान जो कि सड़कों पर आया है, उसे सम्मान पूर्वक मान ले।

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