दुनिया के लगभग हर हिस्से में नेट-ज़ीरो या नेट-ज़ीरो के करीब बिल्डिंग निर्माण के लिये जरूरी तमाम प्रौद्योगिकी और क्षमताएं पहले से ही मौजूद हैं। यह क्षमताएं विकसित तथा विकासशील, दोनों ही देशों में मौजूद हैं और इनकी लागत भी परंपरागत निर्माण परियोजनाओं की लागत के लगभग बराबर ही है। यह बातें निर्माण क्षेत्र में जलवायु के अनुकूल वैश्विक नवाचार को लेकर हुए एक ताज़ा अध्ययन में सामने आयी हैं। एनुअल रिव्यू ऑफ एनवायरमेंट एंड रिसोर्सेज़ में छपे एक अध्ययन पत्र में कहा गया है कि बिजली, परिवहन और निर्माण क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के मामले में सबसे बड़ा अंतर पैदा करने की क्षमता है। यह शोध ऐसे समय पर किया गया है जब हमारे शहर और समाज सामूहिक रूप से यह एहसास करने लगे हैं कि लॉकडाउन के दौरान हम कैसे रहते हैं और कैसे अपने घर का मूल्यांकन करते हैं। दुनिया भर में उत्पन्न होने वाली ऊर्जा संबंधी ग्रीन हाउस गैसों के 39% हिस्से के लिए निर्माण क्षेत्र ज़िम्मेदार है और निर्माण संबंधी सामग्री तैयार करने में निकलने वाले कार्बन पर डेढ़ डिग्री सेल्सियस कार्बन बजट के बाकी बचे हिस्से का लगभग आधा भाग तक खर्च हो सकता है।
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