सोमवार, 16 नवंबर 2020

डिजिटल के प्रोत्साहन पर राष्ट्रपति की मुहर

भारत सरकार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल ,ऑनलाइन की दी मंजूरी


कानून व्यवस्था और खबरों पर अब जनता की विश्वसनीयता बढ़ेगी 


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। एक जमाना था जब हर व्यक्ति सुबह सवेरे उठते से ही इंतजार करने लग जाता था कि कब अख़बार आए और देश तथा राज्य व नगर, गांव का हालचाल जानू। वैसे थोड़ी बहुत जानकारी रेडियो से सुबह शाम व रात को मिल जाती थी परन्तु विस्तार से जानकारी अखबारों द्वारा ही हर व्यक्ति को प्राप्त होती थी।
फिर धीरे धीरे समय बदलता गया और टेक्नोलॉजी का युग आ गया। अब प्रिंट मीडिया के साथ साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का वाक्य जुड़ गया। अब टेक्नोलॉजी की इतनी तरक्की और विस्तार हो गया कि कहीं कोई बात या घटना, दुर्घटना, वाक्या हुआ नहीं कि पलभर में दुनिया के हर कोने में बात पहुंच जाती है। ये है टेक्नोलॉजी विस्तार का कमाल। परन्तु इस तकनीकी विस्तार में फायदे बहुत हुए तो नुकसान भी बहुत हुए। विवाद और विवादापस्त स्थितियां भी बहुत हुई। अब हम देख रहे हैं कि सोशल मीडिया पर एक न्यूज़ चैनल चलाने का ट्रेंड आ गया है और अपने ब्लॉग या अनेक प्रकार के ऑनलाइन न्यूज पोर्टल इत्यादि आ गए हैं और अनपर किसी की कंट्रोलिंग अथाॅरिटी नहीं है।
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस संबंध में जारी एक नोटिफिकेशन पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। भारत में इस समय डिजिटल कंटेंट के नियमन के लिए कोई कानून या स्वायत्त संस्था नहीं है। प्रिंट मीडिया के नियमन के लिए प्रेस आयोग, न्यूज चैनलों के लिए न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन और एडवर्टाइज़िंग के नियमन के लिए एडवर्टाइज़िंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया है, जबकि फिल्मों के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन है।
परन्तु अब मंगलवार दिनांक 10 नवंबर 2020 को केंद्र सरकार ने भारतीय राजपत्र में घोषणा कर डिजिटल / ऑनलाइन मीडिया को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दायरे में लाया गया है।
निम्नलिखित प्रविष्टियों फिल्म्स और ऑडियो-विज़ुअल कार्यक्रम, समाचार और वर्तमान मामलों की सामग्री को शामिल करने के लिए भारत सरकार की दूसरी अनुसूची (व्यवसाय का आवंटन) नियमों में संशोधन किया गया है। इसमें डिजिटल / ऑनलाइन मीडिया में फिल्म्स और ऑडियो-विज़ुअल कार्यक्रम, समाचार और वर्तमान मामलों की सामग्री शामिल होगी। इसका मतलब है कि नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम आदि जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन न्यूज पोर्टल मंत्रालय के नियंत्रण में हैं। अब इस नोटिफिकेशन से बिना किसी सबूत और झूठी खबरें दे रहे ऑनलाइन पोर्टल पर लगाम लगेगी। इससे कानून व्यवस्था और विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। क्योंकि कई मामलों में देश में ऑनलाइन पोर्टल के जरिए दिए गए कंटेंट से भी अपराधों, विवादों को बढ़ावा मिलता है। हालांकि तमाम राज्यों में साइबर ब्रांच इस पर नजर रखती है परन्तु इसके लिए कोई रेगुलेशन ना होने से कई बार लोग बच निकलते हैं। *अन्य विषय जो मंत्रालय के दायरे में हैं उनमें प्रसारण नीति और प्रशासन, केबल टेलीविजन नीति, रेडियो, दूरदर्शन, फिल्म्स, विज्ञापन और दृश्य प्रचार, प्रेस, प्रकाशन, अनुसंधान और संदर्भ आदि हैं।
भारत सरकार (आवंटन व्यापार) तीसरे पचासवें सातवें संशोधन नियम, 2020 में डिजिटल / ऑनलाइन मीडिया से संबंधित प्रविष्टियों को शामिल करने के लिए अधिसूचित किया गया था।
दिलचस्प बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुदर्शन टीवी मामले में केंद्र ने वेब आधारित डिजिटल मीडिया पर नियमन की कमी को उजागर किया था। केंद्र ने प्रस्तुत किया था।
कि “वेब आधारित डिजिटल मीडिया” जिसमें “वेब पत्रिकाएं” और “वेब-आधारित समाचार चैनल” और “वेब-आधारित समाचार-पत्र” शामिल हैं, के लिए दिशानिर्देशों को रखना आवश्यक है। क्योंकि न केवल इसके पास बहुत व्यापक पहुंचे है, यह पूरी तरह से अनियंत्रित भी है। केंद्र सरकार ने इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में दलील दी थी कि ऑनलाइन माध्यम का नियमन टीवी से अधिक जरूरी है। अब सरकार ने ऑनलाइन माध्यम से न्यूज़ या कंटेंट देने वाले साधनों को मंत्रालय के तहत लाने का बड़ा फैसला लिया है।
केंद्र सरकार ने एक गजट नोटिफिकेशन के जरिए बुधवार को यह बताया है कि ऑनलाइन फिल्म डिजिटल न्यूज़ और करंट अफेयर्स जैसे कंटेंट सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आएंगे. इस समय भारत सरकार में मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कामकाज देख रहे हैं।
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस सम्बन्ध में जारी एक नोटिफिकेशन पर हस्ताक्षर कर दिए हैं इससे पहले साल 2019 में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि मोदी सरकार मीडिया की आजादी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाना चाहते. उन्होंने कहा था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए कुछ न कुछ नियम कानून जरूर होने चाहिए, जबकि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं फिल्मों के लिए पहले से नियम हैं।
अतः अगर हम पूरे मामले पर विश्लेषण करें तो केंद्र सरकार की इस अधिसूचना का असर दूर तक जाएगा और जो भी ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर है, उसके ऑनलाइन पोर्टल हैं जो अब सूचना व प्रसारण मंत्रालय के आधीन आजाएंगे और उन पर अब वे सब कानून भी लागू होंगे और एक एजेंसी की नजर उन पर रहेगी ताकि स्वच्छ और कानूनी संदेश जनता तक पहुंच सके।                             


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...