सोमवार, 9 नवंबर 2020

चिप्स-कुरकुरे के रैपर से बनेगी 'इकोब्रिक्स'

विश्वदीपक त्रिपाठी


बरेली। हम सभी पानी, कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल, चिप्स-कुरकुरे के रैपर आदि सड़कों और कूड़ेदान में फेंक देते हैं। सख्ती के बाद भी पॉलीथिन का उपयोग करना पूरी तरह से बंद नहीं हो पा रहा है। इसके कारण पर्यावरण की समस्या दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। सबसे गंभीर बात तो यह है कि प्लास्टिक को नष्ट होने में सैकड़ों वर्ष लग जाते है। इसके कारण प्रदूषण एक बड़ी समस्या का रूप ले रहा है।               


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