सोमवार, 23 नवंबर 2020

भाजपा ने वेस्ट बंगाल की घेराबंदी की, मॉडल

वेस्ट बंगाल में बीजेपी का गुजरात मॉडल 


कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मिथिला विजय के बाद अब पूरी तरह से पश्चिम बंगाल की घेराबंदी कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा कर दी है। कि वे हर महीने पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे। इसी के साथ यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में गुजरात मॉडल लागू किया जाएगा। अब इसको लेकर बहस छिड़ गयी है। कि यह माडल कैसा होगा। एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान भाजपा के एक समर्थक ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं के अपमान को वर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल को कश्मीर नहीं बनने दिया जाएगा। इस तरह पश्चिम बंगाल में गुजरात मॉडल के अलग अलग मतलब निकाले जाने लगे हैं। तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी का इससे मतलब है। बाहरी लोगों का वर्चस्व, जबकि कांग्रेस और वामपंथी दलों के लिए गुजरात मॉडल का मतलब है। दंगे वाला गुजरात। इत्तेफाक से 19 नवम्बर की शाम को गुजरात के मॉडल शहर अहमदाबाद में तीन दिन का कर्फ्यू लगा दिया गया। यह कर्फ्यू कोरोना संक्रमण के दोबारा बढते प्रकोप के चलते लगाया गया। कर्फ्यू लगने से एक दिन पहले ही कोरोना गाइड लाइन्स की जिस तरह धज्जियां उड़ाई गयीं उसे भी एक तरह का गुजरात मॉडल बताया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल में भाजपा और संघ को बाहरी लोग और विभाजनकारी ताकत बताते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें हराने की आवश्यकता है। ममता बनर्जी ने इससे पहले भी कई मौकों पर भाजपा को बाहरी लोगों की पार्टी बताया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग दूसरे राज्यों से गुंडे लेकर आ रहे हैं। ताकि 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की शांति भंग की जा सके। ममता बनर्जी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने कहा देश के बाकी हिस्सों से आने वाले भारतीयों का तृणमूल कांग्रेस सरकार स्वागत नहीं करती है। लेकिन बांग्लादेशी घुसपैठियों का दिल खोलकर स्वागत किया जाता है। हिन्दी भाषी बहुल क्षेत्र पोस्ता बाजार में जगधात्री पूजा के शुभारंभ के अवसर पर बनर्जी ने लोगों से कहा कि वे राज्य में अशांति फैलाने वाले गुंडों और बाहरी लोगों का प्रतिकार करें। उन्होंने कहा अगर बाहर से कुछ गुंडे हमारे राज्य में आकर आपको आतंकित करते हैं। तो आप सभी को एकजुट होकर उनका प्रतिकार करना चाहिए। मैं वादा करती हूं कि हम आपके साथ होंगे। हम शांति में विश्वास करते हैं। लेकिन कुछ लोग सिर्फ चुनाव के दौरान दूसरों को आतंकित करने आते हैं। हम उन्हें यहां मनमर्जी नहीं करने देंगे। इन बाहरी लोगों को विभाजनकारी ताकत बताते हुए बनर्जी ने कहा कि उन्हें हराने की आवश्यकता है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने इससे पहले भी कई मौकों पर भाजपा को बाहरी लोगों की पार्टी बताया है। बनर्जी के बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख का बयान राज्य में भाजपा की बढ़ती पकड़ पर पार्टी की हताशा व्यक्त कर रहा है। उन्होंने कहा, ऐसे बयान तृणमूल कांग्रेस और उसके नेतृत्व के गुस्से और हताशा को दर्शाते हैं। बहरहाल, पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है। वैसे वैसे सियासी जंग भी तेज होती जा रही है। खासकर राज्यपाल धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जुबानी जंग जारी है। पश्चिम बंगाल की राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले तो यहां तक कहते हैं। कि ममता बनर्जी एक तरफ हैं। और भाजपा, कांग्रेस व माकपा के साथ राज्यपाल दूसरी तरफ से मोर्चा संभाले हैं। राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर जहां राज्यपाल ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला है। वहीं, मुख्यमंत्री ने बिना किसी का नाम लिए तीखी भाषा में जवाब दिया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर कथित तौर पर राजनीति करने पर सतारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार की जमकर आलोचना की। राज्य सरकार ने हाल ही में तृणमूल कांग्रेस के मंत्री सुवेंदु अधिकारी के तीन करीबी सहयोगियों को दी गई सुरक्षा वापस ले ली है। अधिकारी ने हाल ही में एक रैली में पार्टी के खिलाफ बोला था। धनखड़ ने यह भी दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर स्थानीय अधिकारियों ने शहीद सैनिक के परिवार से मिलने नहीं दिया और भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार की यात्रा में रुकावट डाली। राज्यपाल ने कहा कि बार-बार चेतावनी के बावजूद कुछ अधिकारी राजनीतिक कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रहे हैं। मुर्शिदाबाद यात्रा के दौरान धनखड़ ने पत्रकारों से कहा सुरक्षा मुहैया कराने जैसे मुद्दे पर राजनीतिक दबाव में आकर काम करना लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने जैसा है। उन्होंने यह जानना चाहा कि क्या राज्य की स्थिति ऐसी हो गई है। कि किसी व्यक्ति को सुरक्षा देने के लिए उसकी राजनीतिक आस्था पर ध्यान दिया जा रहा है। शहीद को श्रद्धांजलि देने जा रहे सरकार को कुछ अधिकारियों द्वारा इंतजार कराए जाने' के विवाद के सदर्भ में धनखड़ ने कहा कि ऐसे व्यवहार के बारे में जानकर कोई भी हैरान हो सकता है। ऐसे हालात में पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा का गुजरात माडल क्या हो सकता है, यह समझना मुश्किल नहीं रह जाता। माजरा तब और साफ हो जाता है। जब भाजपा के नेता अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या के आंकड़े पेश करते हैं। और हत्या का आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगाते हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा देने वाली भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के प्रभारियों को टास्क देना शुरू कर दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने अपनी नयी टीम के राज्य प्रभारियों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। भाजपा फिलहाल पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार से सत्ता छीनने की कोशिशों में जुटी हुई है। इस राज्य में उसे अभी तक सत्ता नहीं मिली है। पिछले लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद पार्टी वहां एक मजबूत ताकत के रूप में उभरी है। इसलिए वर्ष 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को बहुमत हासिल करने की उम्मीद है। भाजपा पूर्वी भारत में धीरे-धीरे पैर जमा रही है। असम में भाजपा इस वक्त सत्ता में है। और वहां उसके सामने अपनी सत्ता को बचाये रखने की चुनौती है। वर्ष 2021 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। और इसकी तैयारी भाजपा ने अभी से शुरू कर दी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यों के प्रभारियों के साथ 19 नवम्बर को पहली बैठक की और उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों का व्यापक दौरा करने और संगठनात्मक गतिविधियों को लगातार जारी रखने को कहा। सूत्रों की मानें तो जेपी नड्डा ने सभी राज्यों के प्रभारियों को अपने-अपने जिम्मे वाले राज्यों में अधिक से अधिक सक्रिय रहने के लिए कहा लेकिन ज्यादा जोर उन राज्यों के प्रभारियों पर रहा जहां अगले साल विधानसभा के चुनाव हैं। ऐसे प्रभारियों को उन्होंने विशेष जोश के साथ काम करने की सलाह दी। पश्चिम बंगाल ऐसा ही राज्य है। भाजपा में महासचिवों, उपाध्यक्षों और सचिवों को विभिन्न राज्यों का जिम्मा दिया जाता है। पार्टी की भाषा में उसे प्रभारी कहते हैं। प्रभारियों का मुख्य काम राज्यों के नेताओं और केंद्रीय नेतृत्व के बीच एक कड़ी की भूमिका निभाना होता है। राजनीतिक निर्णयों में उनके सुझाव अहम होते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यह बैठक ऐसे समय में हुई है। जब अगले साल पश्चिम बंगाल, केरल, असम, तमिलनाडु, और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। बैठक के दौरान भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने प्रभारियों को उनकी भूमिका और भावी कार्ययोजना को लेकर एक प्रस्तुति भी दी। नड्डा ने पिछले सप्ताह पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारियों को राज्यों और संघशासित प्रदेशों का प्रभार सौंपा था।


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