लखनऊ। निजीकरण पर ऊर्जा निगम प्रबंधन और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष के बीच रविवार को दूसरी वार्ता फिर विफल हो गई। जानकारी के मुताबिक दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातों पर अड़े रहे, जिसकी वजह से कोई सहमति नहीं बन सकी। बताया जा रहा है कि दौरान संघर्ष समिति बिजली व्यवस्था में सुधार और राजस्व वसूली में वृद्धि किए जाने के लिए कई रचनात्मक सुझाव दिए लेकिन प्रबंधन निजीकरण की जिद पर अड़ा रहा। वार्ता समाप्त होने के बाद संघर्ष समिति प्रदेशव्यापी कार्यबहिष्कार को सफल करने की तैयारियों में जुट गई। प्रदेश के सभी कर्मचारियों को आंदोलन को सफल करने के लिए संदेश जारी करते हुए एकजुट की बात समिति की ओर से कही गई है। बता दें कि संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली विभाग के करीब एक दर्जन से ज्यादा संगठन कार्यबहिष्कार कर रहे हैं।
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