रायपुर। प्रदेश के जंगल में अवैध शिकार की ऐसी आग लगी है। कि वन्यप्राणियों को जान बचाने का भी मौका नहीं मिल रहा है। विभागीय अधिकारी कार्ययोजना पर कार्ययोजना बना रहे है। लेकिन पिछले 10 सालों में वन्य प्राणियों का जीवन सुरक्षित नहीं हो सका। लगातार शिकारी और तस्करों के जंगल में अनाधिकृत हस्तक्षेप वन्य जीवों के लिए मौत का फरमान बन चुका है। वन ग्रामों में आबादी होने से वहां शिकारियों को आसानी से शिकार का मौका मिल जाता है। और मौका मिलते ही टपका देते है। अभी हाल ही में वन विभाग ने एक कार्ययोजना बनाई है। जिसमें काले हिरण छोडऩे की योजना है। साथ ही वनग्रामों को हटाने की कोई कार्य योजना नहीं जो अवैध शिकार को बढ़ावा भी दे रहे है। ऐसे में वन्य विभाग के संरक्षक अधिकारी पीवी नरसिंहा राव से जनता से रिश्ता ने चर्चा की तो नरसिंहाराव ने कहा जब वन ग्राम हटा लेंगे और और काले हिरण छोड़ देंगे उसके बाद मीडिया को जानकारी देंगे। जंगल वन्य जीवों की शरण स्थली न होकर कब्रगाह बन चुका है। लगातार शिकारियों का हौसला बढ़ते जा रहा है।
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