सोमवार, 26 अक्तूबर 2020

गलत नीतियों के चलते गरीब-श्रमिक बेहद दुखी

मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते मजदूर श्रमिक भूखे मरने पर मजबूरः स्वामीनाथ जयसवाल


मनोज सिंह ठाकुर
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामीनाथ जयसवाल ने बताया कि मोदी सरकार द्वारा देश में नोटबंदी की गई। असंगत जीएसटी लागू करके छोटे और लघु उद्योगों को बर्बाद करते हुए कॉर्पोरेट वर्गों को बेतहाशा किया देश निजी करण की आग में जोंकें जाते सरकारी संस्थान और बिना सोचे समझे लागू किए गए लॉकडाउन के कारण चरमराई अर्थव्यवस्था के कारण बेहिसाब बढ़ती बेरोजगारी देश के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। स्वामीनाथ जयसवाल ने मोदी सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते देश में बेरोजगारी की विभीषिका से जूझते करोड़ों नौजवानों वह मजदूरों की एक आवाज है। कि रोजी दो रोजगार दो वरना गद्दी छोड़ दो ज्ञात रहे भारत में करीब 14 करोड मौजूदा नौकरियां खत्म हो चुकी है। जिसने पहले से मौजूद 10-11 करोड़ बेरोजगारों की मजबूत फौज और मजबूत बना दिया है। रह एक डरावनी आपदा है । ऐसी आपदा जिसे देश ने पहले कभी नहीं देखा भारत की कामकाजी उम्र की आबादी का बड़ा हिस्सा जो युवा है। उसको अपना भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। क्योंकि उन्हें उनकी आंखों के सामने नौकरियां गायब होती नजर आ रही है। हालात इतने चिंताजनक है। कि वर्तमान के बदलते परिवेश में बेरोजगारी के कारण पूरी पीढ़ी तक के बर्बाद होने की आशंका नजर आने लगी है।
स्वामीनाथ जयसवाल ने यह भी बताया कि 50 साल में सर्वाधिक बेरोजगारी की मार भारत का युवा वर्तमान में झेल रहा है युवा रोजगार चाहता है। लेकिन प्रधानमंत्री और भाजपा उसे भाषण दे रही है। देश में करोड़ों नौजवान व मजदूर बेरोजगारी की विभीषका से जूझ रहे हैं। लेकिन फिर भी मोदी सरकार कहती है।मेरा भारत देश महान। स्वामीनाथ जयसवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है।की सरकार के पास रोजगार के नए अवसर पैदा करने का कोई रोडमैप नहीं है। यही वजह है कि गांव गांव शहरों कस्बों और राज्यों की राजधानी में युवाओं की रोजी दो रोजगार दो की मांग हर दिन तेज होती जा रही है। स्वामीनाथ ने बताया कि सरकार कोरोना के लिए अवसर मानकर युवाओं की नौकरियों पर हमला कर रही है। आम आदमी के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के बजाय सरकार रेलवे जैसे सरकारी संस्थानों का एक-एक करके निजीकरण कर रही है। जबकि सरकारी नौकरियों पर रोक पहले से ही लगा रखी है। ऐसे में लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी दर बढ़ती जा रही है। और बढ़ती बेरोजगारी और नौकरी जाने से युवा,ग्रहणी सहित हर आदमी परेशान है। जैसे जैसे समय बीत रहा है। वैसे-वैसे आम आदमी की रसोई से भोजन गायब हो रहा है। कर्ज बढ़ रहा है। फिलहाल लोगों को उज्जवल भविष्य की कोई आशा की किरण हाथी दिखाई नहीं दे रही है।             


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