मंगलवार, 20 अक्तूबर 2020

बरसात के कारण प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी

क्या आप जानते हैं दिवाली तक प्याज की कीमत 100/- किलोग्राम तक पहुंचने की वजह


नई दिल्ली। देश के कई इलाकों में हो रही बेमौसम बारिश के चलते आने वाले दिनों में प्याज आम जनता को जेब पर असर डाल सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि अगर प्याज के भाव इसी तेजी से बढ़ते रहे तो इस साल दिवाली पर प्याज काफी महंगा हो सकता है। इस वक्त ही खुदरा बाजार मे प्याज 40-50 रुपए किलो है। सोमवार को नासिक में स्थित देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज का बाजार भाव 6802 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। ये दाम इस साल में सबसे ज्यादा है। कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में रिटेल मार्केट में प्याज के दाम 100 रुपये के पार पहुंच सकते हैं। आखिर क्यों महंगा हो रहा है प्याज? देश के सबसे बड़ी प्याज की मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में सोमवार को अच्छी प्याज का बाजार भाव 6 हजार 802 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के कई इलाको में भारी बारिश हो रही है। इसके चलते खेतों में प्याज की फसल बर्बाद हो गई है, जिसकी वजह से प्याज के भाव आसमान पर पहुंच रहे हैं। प्याज के दाम फरवरी तक कम नहीं होंगे? कारोबारियों का कहना है कि महाराष्ट्र , राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक में फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसीलिए व्यापारियों ने भी जमाखोरी शुरू कर दी है। नयी फसल फरवरी में आएगी, तब तक प्याज की कीमत कम होने के कोई संकेत नहीं है। प्याज की कीमत बढ़ने की एक वजह होटल और ढाबे शुरू होना भी है। इस वजह से भी प्याज की डिमांड बढ़ी है, जिसकी वजह से प्याज महंगा हो रहा है। बता दें 14 अक्टूबर को प्याज व्यापारियों के यहां इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई हुई थी। इसके बाद मंडी में व्यापारी नहीं आ रहे थे। यानी मंडी में कारोबार बंद हो गया था, लेकिन सोमवार को जैसे ही मंडी खुली, प्याज के दाम में 2000 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ गए। इसके अलावा कर्नाटक में भी हुई बिना मौसम बारिश की वजह से प्याज की आपूर्ति में कमी देखने को मिली है जिसका सीधा असर कीमतों पर देखने को मिल रहा है। बता दें लासलगांव में सोमवार को कमाल किस्म की प्याज के भाव 6802 रुपए प्रति क्विंटल, सरासरी किस्म के भाव 6200 रुपए और खराब किस्म की प्याज के भाव 1500 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किए गए। भारत में प्याज की खेती के तीन सीजन है। पहला खरीफ, दूसरा खरीफ के बाद और तीसरा रबी सीजन। खरीफ सीजन में प्याज की बुआई जुलाई अगस्त महीने में की जाती है। खरीफ सीजन में बोई गई प्याज की फसल अक्टूबर दिसंबर में मार्केट में आती है। प्याज का दूसरे सीजन में बुआई अक्टूबर नवंबर में की जाती है। इनकी कटाई जनवरी मार्च में होती है। प्याज की तीसरी फसल रबी फसल है। इसमें दिसंबर जनवरी में बुआई होती है और फसल की कटाई मार्च से लेकर मई तक होती है। एक आंकड़े के मुताबिक प्याज के कुल उत्पादन का 65 फीसदी रबी सीजन में होती है। देश में नवरात्र शुरू होते ही आलू के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही है। नवरात्र के दौरान आम लोग फलहार में आलू का आहार ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में आलू का रेट 60 रुपये पार कर गया है। कोरोना महामारी के बीच नवरात्र पूजा शुरू होने के साथ आलू के दाम में इस तरह बढ़ोतरी से आम लोगों के जेब पर अतिरिक्त खर्च पड़ रहा है। कारोबारियों का कहना है कि मंडी में 30 रुपए किलो मिलने वाले आलू की कीमत फूटकर बाजार में 50 से 60 रुपए तक पहुंच गई है। नवरात्र के बीच में भी दाम में आगे और इजाफा होने की संभावना है।                   


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