रविवार, 27 सितंबर 2020

नोएडा-गाजियाबाद ने चलाया 'ऑपरेशन प्रहार'

अश्वनी उपाध्याय


नोएडा/ गाजियाबाद। अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए शनिवार को नोएडा-गाजियाबाद और दिल्ली पुलिस ने साथ मिलकर ‘ऑपरेशन प्रहार’ नाम से सर्च अभियान चलाया। इस दौरान लूटपाट समेत अन्य आपराधिक घटनाओं में शामिल खोड़ा निवासी 27 अपराधियों को हिरासत में लिया गया। 50 घरों में यह अभियान चलाया जाना था, लेकिन शनिवार को 35 घरों में अभियान चलाया गया। हिरासत में लिए गए संदिग्धों से संयुक्त पूछताछ कर डोजियर बनाए जा रहे हैं। अभियान शाम 4 से 6 बजे तक चला।



  • एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के निर्देशन में ऑपरेशन प्रहार चलाया गया था। कमिश्नरेट पुलिस की ओर से एसीपी रजनीश वर्मा को नोडल अधिकारी बनाया गया। उनके साथ एसीपी प्रथम अंकिता शर्मा व सेक्टर-58, सेक्टर-24, सेक्टर-49 और एक्सप्रेसवे थाने की पुलिस रही। वहीं, दिल्ली के मधु विहार एसीपी और गाजियाबाद के विजयनगर व खोड़ा पुलिस साथ रही। तीनों जगह से करीब 120 पुलिसकर्मियों ने खोड़ा में सर्च अभियान चलाया। इसमें दिल्ली पुलिस के 30, गाजियाबाद पुलिस के 30 व नोएडा कमिश्नरेट के 60 पुलिसकर्मी मौजूद रहे। एसीपी ने बताया कि नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली में अपराध करने वाले 50 अपराधियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी थी, लेकिन पहली बार में 27 ही हाथ आए हैं। इन सभी के डोजियर बनाए जा रहे हैं। ताकि भविष्य में आपराधिक घटना होने पर इनको हिरासत में लेकर पूछताछ की सके।
    खोड़ा से सटे क्षेत्रों में करते हैं अपराध
    अधिकारियों की माने तो यह ऐसे असामाजिक तत्व हैं, जो खोड़ा से सटे दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में अपराध करते थे। इनके खिलाफ तीनों शहरों के थानों में रिपोर्ट दर्ज हैं। इनमें लूट और चोरी के अधिक आरोपी हैं। डोजियर बनाकर इनकी पहचान कर ली जाएगी। इससे अपराध के तुरंत बाद इनके घरों पर दबिश दी जाएगी और इनकी लोकेशन भी जांची जाएगी।
    अपराध में आएगी कमी
    पुलिस अधिकारियों को उम्मीद है कि ऑपरेशन प्रहार से आपराधिक घटनाओं में कमी आएगी। इस तरह का अभियान कमिश्नरेट में भी चलाया जाएगा। जिन बदमाशों का डोजियर नहीं बना है, उनका इतिहास खंगाल कर पहचान की जाएगी। ताकि, छोटी से बड़ी वारदात को जल्द से जल्द पर्दाफाश किया जा सके। 
    27 बदमाशों को देना होगा 35 सवालों का जवाब
    ऑपरेशन प्रहार में हिरासत में लिए गए 27 बदमाशों को 35 सवालों का जवाब भी देना है। इसके बाद ही उनको छोड़ा जा सकेगा। पुलिस ने पहले ही 35 सवाल तैयार कर लिए थे। इनमें नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि समेत पूरे परिवार की जानकारी शामिल है। साथ ही किस मामले में जेल गए, किस साथी के साथ अपराध किया, जेल की कौन सी बैरक और किस बंदी के साथ रहे। किन-किन बंदियों से मुलाकात और दोस्ती हुई, वह जेल में है या बाहर, जमानत पर हैं तो किसने ली, जेल से बाहर आने के बाद किसके साथ रहते हैं और उनके मोबाइल के हर नंबर की जानकारी देनी होगी। एसीपी रजनीश कुमार वर्मा का कहना है कि बदमाशों की कुंडली तैयार की जाएगी। भविष्य में कोई अपराध न हो और यदि होता है तो उसका खुलासा करने के लिए यह रोडमेप तैयार किया जा रहा है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।                     


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