बुधवार, 23 सितंबर 2020

कर्मचारी के संबंध में आया ठहरावः हाईकोर्ट

सस्पेंशन कोई सजा नहीं।सिर्फ नियोक्ता।कर्मचारी के संबंध में आया ठहराव है।तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा।आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे कर्मचारी को नियोक्ता पर थोपा नहीं जा सकता


तेलंगाना। यह देखते हुए कि निलंबन कोई सजा नहीं है।और यह ''सिर्फ नियोक्ता और एक कर्मचारी के बीच संबंध को निलंबित करता है। तेलंगाना हाईकोर्ट ने बुधवार को दोहराया है कि सिविल सेवा नियमों के तहत अगर किसी कर्मचारी के खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित है या विभागीय जांच चल रही है तो उस कर्मचारी को निलंबित किया जा सकता।
अदालत एक डिप्टी तहसीलदार की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।उसने अपने निलंबन के आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता के खिलाफ 24 जुलाई 2020 को आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 506 रिड विद 34 के तहत किए गए अपराध के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसके बाद उसे 31 जुलाई 2020 को उसे निलंबित कर दिया गया था। अपीलकर्ता ने 17 अगस्त 2020 एकल पीठ द्वारा पारित आदेश की वैधता को चुनौती दी थी। एकल पीठ ने याचिकाकर्ता की तरफ से उसके निलंबन के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
क्या दो ट्वीट के मामले में प्रशांत भूषण के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। बीसीडी ने जांच करने के लिए भूषण को नोटिस जारी किया
मुख्य न्यायाधीश राघवेन्द्र सिंह चौहान और जस्टिस टी विनोद कुमार की पीठ ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता के खिलाफ क्रिमिनल ट्रायल और डिपार्टमेंटल इंक्वायरी,दोनों ही लंबित है।इसलिए नियोक्ता को इस तरह के कर्मचारी के साथ काम करने को मजबूर नहीं किया जा सकता है। या ऐसे कर्मचारी को नियोक्ता पर लादा नहीं जा सकता है। इसलिए याचिकाकर्ता को निलंबन करने का आदेश न्यायोचित है।


पीठ ने कहा कि तेलंगाना सिविल सर्विस (क्लासीफिकेशन,कंट्रोल और अपील) रूल्स, 1991 के नियम 8 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एक कर्मचारी को निलंबित किया जा सकता है यदि कोई आपराधिक मामला लंबित है, या विभागीय जांच पर विचार किया जा रहा है।बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित की, रिया की ज़मानत याचिका और कंगना रनौत के कार्यालय विध्वंस मामले पर सुनवाई कल पीठ ने यह भी कहा वतमान मामले में याचिकाकर्ता को 31 जुलाई 2020 को उसके आरोप बता दिए गए थे। इस प्रकार, जाहिर तौर पर एक विभागीय जांच शुरू हो गई थी। इसके अलावा निस्संदेह, याचिकाकर्ता के खिलाफ 24 जुलाई 2020 को पुलिस स्टेशन,करीमनगर रूरल में आईपीसी की धारा 420,468,471,506 रिड विद 34 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। ऐसे में नियम 8 के तहत बताई गई दोनों शर्तें इस मामले में पूरी होती हैं।               


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...