गुरुवार, 3 सितंबर 2020

'इनकम टैक्स रिटर्न' 30 नवंबर तक बढ़ाया

इनकम टैक्स रिटर्न 30 नवंबर तक कर सकते हैं दाखिल, इन डॉक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरूरत, जानें तरीका।


नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न -आइटीआर ) दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी है। अब टैक्सपेयर अपना आइटीआर 30 नवंबर, 2020 तक दाखिल कर सकते हैं। अगर आपने अभी तक आइटीआर  फाइल नहीं किया है, तो इसे जल्द भर लें। इसके लिए आपको कई डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होगी और रिटर्न फाइल करते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा। फॉर्म में गलतियां करना महंगा पड़ सकता है, इसलिए सावधानी से आइटीआर दाखिल करें। इनकम टैक्स विभाग की ई-फाइलिंग से आसानी से ऑनलाइन आइटीआर फाइल कर सकते हैं। 
इन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत
फॉर्म 16 : जॉब करने वाले लोगों को उनकी नियोक्ता कंपनी फॉर्म 16  देती है। इसमें फाइनेंशियल ईयर में काटा गया टैक्स और आय का लेखाजोखा मेंशन रहता है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय नौकरीपेशा के लिए फॉर्म 16 सबसे जरूरी है। इसके बिना आइटीआर फाइल करना बेहद मुश्किल हो जात है। फॉर्म-16 के पार्ट-ए में एंप्लॉयर की ओर से काटे गए टैक्स का विवरण होता है। इसमें आपका नाम, पता और पीएएन और एंप्लॉयर का टी ए एन नंबर होता है। आपके पी ए एन पर सरकार के पास कितना टैक्स जमा हुआ है, उसका तिमाही ब्योरा होता है। साथ ही यह भी दर्ज होता है कि आपकी सैलरी से कितना टैक्स काटा गया हैय़। वहीं पार्ट-B में आपकी आय का ब्योरा होता है। आइटीआर  में जिस फॉरमैट में ब्योरा भरना होता है, पार्ट-B में उसी फॉरमैट में आय का ब्योरा मिल जाता है। इससे आइटीआर फाइल करने में आसानी होती है। 
फॉर्म 26AS: इस फॉर्म में इनकम से काटे गए टैक्स की डिटेल होती है। साथ ही नद्वारा भुगतान किए गए सभी टैक्स और रिफंड की भी जानकारी होती है। इस फॉर्म के जरिये भुगतान किए गए टैक्स की डिटेल्स, एडवांस टैक्स या सेल्फ असेस्मेंट टैक्स भी उपलब्ध कराया जाता है। इससे टैक्सपेयर को आपको यह वेरिफाई करने में मदद मिलती है कि नियोक्ता कंपनी, बैंक या टैक्स भुगतान करने वाले ने सरकार के पास टैक्स डिपॉजिट किया है या नहीं। 
टैक्स बचाने वाले इंवेस्टमेंट
पीएफ फंड ईपीएफओ में योगदान
बच्चों के स्कूल फीस या एजुकेशन लोन
लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम का राशि
स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज
होम लोन के एवज में किया गया भुगतान
इक्विटी आधारित सेविंग्स स्कीम और म्यूचुअल फंड में निवेश
इनकम टैक्स से सेक्शन 80C के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। 
इन पर भी मिलती है छूट
बैंक में जमा पैसे पर मिलने वाले इंटरेस्ट  पर सेक्शन 88TTA के तहत सालान 10 हजार रुपये का टैक्स बेनिफिट मिलता है।
 मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर सालाना 25,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलता है। सीनियर सिटीजन के मामले में यह 50,000 रुपये सालाना है।
अगर अपने पेरेंट्स की मेडिकल इंश्योरेंस का प्रामियम आप ही भरते हैं तो इस पर अतिरिक्त छूट मिलती है। अगर पेरेंट्स की आयु 60 साल से कम है तो सालाना 25,000 रुपये तक का टैक्स बेनिफिट मिलेगा। अगर उनकी उम्र 60 साल से अधिक है तो सालाना 50,000 रुपये की छूट मिलेगी।
ऑनलाइन आइटीआर दाखिल करने का तरीका।
इसके बाद आइटीआई.और सभी जानकारियां भरें और सेशन टाइम आउट से बचने के लिए सेव ड्राफ्ट बटन पर क्लिक करते रहें।
इसके बाद टैक्स पैड और वेरिफिकेशन टैब में वेरिफिकेशन ऑप्शन को चुनें और प्रिव्यु एंड सबमिट बटन पर क्लिक करें।
अपने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करें
इसके लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगइन करें और बैंक अकाउंट नंबर प्रीवैलिडेट  करें।
इसके बाद ई- वेरीफाई लिंक पर जाएं और  एक्नॉलेजमेंट नबंर दर्ज करें।
बैंक अकाउंट नंबर से ई- वेरीफाई के ऑप्शन को चुनें और पीवीसी तैयार करें। आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर पीवीसी भेजा जाएगा।
रिटर्न को वेरीफाइ करने के लिए पोर्टल पर इस कोड को दर्ज करें।             


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