बुधवार, 9 सितंबर 2020

6 महीने में हुई खरीददारी की होगी जांच

स्ट्रीट लाइट घोटाला – 6 महीने के दौरान हुई खरीद की होगी जांच, नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर का बड़ा फैसला।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद नगर निगम के स्ट्रीट लाइट विभाग में हुए घोटाले से अब जल्द ही पर्दा उठता दिखाई दे रहा है। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्य जांच कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी पिछले छह महीनों के दौरान हुई खरीद आदि सामान की जांच करेगी।
आपको बता दें कि स्ट्रीट लाइट विभाग लंबे समय से घोटालों का सबसे बड़ा अड्डा बना हुआ है। यहां भ्रष्टाचार के चलते कई बड़े खेल खेले जा रहे है। स्ट्रीट लाइट के मामले में ही में एक और बड़ा घोटाला सामने आया था। इस घोटाले में बोर्ड से ब्लैक लिस्ट कंपनी के चालान पर नगर निगम के स्ट्रीट लाइट विभाग में करीब साढ़े तीन लाख रुपये के माल की सप्लाई हो गई। यह माल सीधे स्टोर में नहीं भेजा गया।
एक्सईएन मनोज प्रभात के ऑफिस में आउट सॉर्सिंग पर कार्य करने वाले कर्मचारी पवन कुमार ने इस माल को अपने साईन से रिसीव करने का कार्य किया। जबकि यह माल स्टोर में रिसीव होना चाहिए था। माल को रिसीव दिखाने में भी बड़ा खेल किया गया। नगर निगम के लाइट विभाग के स्टोर प्रभारी विनोद त्यागी ने बिना स्टोर में माल के आए उसे अपने यहां भी रजिस्टर में रिसीव दिखा दिया। स्ट्रीट लाइट विभाग में सप्लाई किए गए इलेक्ट्रॉनिक ड्राइवर को लेकर एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। नगर निगम ने शिव कंस्ट्रक्शन कंपनी को 18 वॉट के इलैक्ट्रॉनिक ड्राइवर की सप्लाई का ठेका दिया था।
मगर कंपनी ने 21 वॉट के इलैक्ट्रॉनिक ड्राईवर की सप्लाई कर दी। इस पर भी निगम बोर्ड से ब्लैक लिस्ट हो चुकी कंपनी का लॉगो चस्पा था। इस पूरे घोटाले की जानकारी नगर आयुक्त को छोड़कर स्ट्रीट लाइट विभाग के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के पास है। वहीं अब इस घोटाले को दबाने के लिए कई पार्षद भी अब निगम प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं।                   


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