नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत के मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी के आँकड़े आए, तो अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता सच साबित हुई। अप्रैल से जून के बीच विकास दर में 23.9 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई। अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों की ग्रोथ निगेटिव रही और कंस्ट्रक्शन, मैन्युफ़ैक्चरिंग सेक्टर का बुरा हाल देखने को मिला। भारत में जीडीपी के इन नए आँकड़ों को क़रीब 24 साल बाद ऐतिहासिक रूप से सबसे बड़ी गिरावट बताया गया है। हालाँकि ये भी ध्यान देने वाली बात है कि जीडीपी के ये आँकड़े कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के शुरुआती महीनों के हैं। लेकिन चिंता की बात ये है कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत की जीडीपी में सबसे ज़्यादा गिरावट आई है। कहने का मतलब ये कि महामारी ने सभी देशों की अर्थव्यवस्था को नुक़सान पहुँचाया, लेकिन भारत की हालत कुछ ज़्यादा ख़राब दिख रही है। महामारी से सबसे ज़्यादा प्रभावित अमरीका की स्थिति भारत से कुछ बेहतर है। वहाँ जीडीपी दर -10.6 रही, वहीं जर्मनी की -11.9, इटली की -17.1, फ्रांस की -18.9, ब्रिटेन की -22.1 और स्पेन की जीडीपी भारत के सबसे नज़दीक यानी -22.7 प्रतिशत रही।
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