तस्करी का अड्डा बना सीमा क्षेत्र भगवानपुर
तस्करी पर अंकुश लगाने में सभी विभाग हुए फेल
सुनील शर्मा
महराजगंज। सोनौली कोतवाली क्षेत्र के भगवानपुर में तस्करों की दबंगई से तमाम विभाग बैक फुट पर नजर आ रहे हैं। पिछले एक वर्ष पूर्व शराब तस्करी के मामले में सिपाही और तस्कर के बीच हाथापाई के बाद ऐसा लगा कि यहां तस्करी पर नकेल लगाने के लिए प्रशासन द्वारा कड़े कदम उठाये जायेंगे। मगर कुछ ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है। पुलिस पांच आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर चुप बैठ गई। मगर भगवानपुर क्षेत्र में तस्करी का आलम ज्यौं का त्यौं है। खाद, खाद्यान्न, कपड़े का गठिया, कनाडियन मटर, पाकिस्तानी छुहारा, काली मिर्च व जंगल के लकड़ी बेखौफ सीमा पार आर-पार किया जा रहा है। जिससे राजस्व को लाखों का चूना लग रहा है।
राजस्व एकत्र करने का मुख्य विभाग कस्टम, यदाकदा ही इस क्षेत्र का रुख करता है और पुलिस भी विवाद के बजाय अब कुछ ले-देकर ही चुप्पी साधने को अच्छा समझ रही है। तस्करी के इस खेल में सेटिंग-गेटिंग की चर्चा अब सरेआम हो गई है। जहां भगवानपुर, रेहरा सीमावर्ती क्षेत्र तस्करी का यह खुलेआम खेल देख आसपास के गांवों के बेरोजगार युवक भी तेजी से इस खेल में शामिल हो रहे हैं। भगवानपुर के पास के अहिरौली, रेहरा, रघुनाथपुर, मैनिहवा व श्याममकाट में भी अब तस्करी परवान पर है। सूत्रों का बताना है कि तस्कर लाइन लेने के लिए पुलिस व कस्टम विभाग को हफ्ता देते हैं। जिससे वह राजस्व नुकसान के इस खेल में आंख बंद कर लेते हैं।
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