शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

स्कूलों में छात्र नहीं ले जाऐंगे 'स्कूल बैग'

हरियाणा में छात्रों को स्कूलों में नहीं लेकर जाना पड़ेगा बैग, जानिये क्या है योजना ? 


राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। राज्य में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में 108 नए अंग्रेजी मीडियम सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल और 1000 सरकारी मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों (बैग फ्री स्कूल) की स्थापना के लिए मंजूरी दे दी है। इन स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया सितंबर 2020 से शुरू होगी और यह पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह मंजूरी आज यहां सरकारी मॉडल संस्कृति स्कूल की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। बैठक में शिक्षा मंत्री कंवर पाल और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री कमलेश ढांडा भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार 5-एस शिक्षा, स्वास्थ, सुरक्षा, स्वालम्बन और स्वाभिमान पर विशेष बल दे रही है। मनोहर लाल ने अपने बजट भाषण के दौरान राज्य के प्रत्येक खण्ड में नए सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल और 1000 सरकारी मॉडल संस्कृति प्राथमिक स्कूल (बैग फ्री स्कूल) खोलने की घोषणा की थी, ताकि छात्रों को निजी स्कूलों के समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके। वर्तमान में, राज्य में 23 सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं और 418 बैग फ्री स्कूल पहले से ही चल रहे हैं।
यह भी निर्णय लिया गया कि भवनों के निर्माण तक नए सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल मौजूदा सरकारी स्कूलों में चलेंगे। इन स्कूलों के लिए शिक्षकों का एक अलग कैडर होगा और इनका चयन मौजूदा सरकारी स्कूलों के शिक्षण स्टाफ में से स्क्रीनिंग के आधार पर किया जाएगा। इसके अलावा, इन स्कूलों के लिए शिक्षकों की एक अलग स्थानांतरण नीति तैयार की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि इन स्कूलों में छात्रों से मामूली शुल्क लिया जाएगा। जबकि 1 से 5 वीं कक्षा के छात्रों से 500 रुपये का एक बार प्रवेश शुल्क लिया जाएगा, 6वीं से 12 वीं तक की कक्षाओं के लिए यह 1000 रुपये होगा। इसी प्रकार, कक्षा 1 से 3 के छात्रों से 200 रुपये, कक्षा 4 और 5वीं के लिए 250 रुपये, कक्षा 6 से 8 वीं के लिए 300 रुपये, कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए 400 रुपये और कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए 500 रुपये मासिक शुल्क लिया जाएगा। इन स्कूलों में छात्रों को पर्याप्त परिवहन सुविधा प्रदान की जाएगी।
बैठक में यह भी बताया गया कि सभी कमरों के लिए फर्नीचर, स्मॉक डिटेक्टर, अग्निशमन उपकरण, सीसीटीवी, सौर ऊर्जा पैनल और भूनिर्माण जैसी बुनियादी सुविधाओं के अलावा, ये सभी संस्कृति मॉडल स्कूल छात्रों के लिए डिजिटल सुविधाओं जैसे डिजिटल कक्षा, प्रोजेक्टर, इंटरैक्टिव व्हाइटबोर्ड, एलसीडी, डिजिटल पोडियम, क्लाउड आधारित ई-लर्निंग पहल, वाई-फाई और बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से सुसजित होंगे।
कला और शिल्प स्टूडियो, रोबोटिक्स, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, और जीव विज्ञान की अच्छी तरह से सुसज्जित और आधुनिक प्रयोगशालाओं की व्यवस्था के साथ-साथ लाइब्रेरी या डिजिटल लाइब्रेरी भी इन स्कूलों में बनाई जाएगी।
बैठक में बताया गया कि 1000 प्ले-वे स्कूलों की स्थापना आंगनवाड़ी केंद्रों में की जाएगी, जो वर्तमान में प्राथमिक विद्यालयों के परिसर के अंदर चल रहे हैं। ये स्कूल खेल-खेल में और तनावमुक्त वातावरण में शिक्षा प्रदान करने का अवसर प्रदान करते हैं।               


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