रविवार, 2 अगस्त 2020

शास्त्रोक्त विधि से निर्मित माटी का गणेश

इंदौर। अयोध्या में होने वाले भगवान राम के दिव्य मंदिर के भूमि पूजन समारोह में इंदौर भी आध्यात्मिक रूप से शामिल रहेगा। इस अद्वितीय समारोह में इंदौर की भागीदारी शास्त्रोक्त विधि और सामग्री से बनी माटी गणेश प्रतिमा के रूप में होगी।ये जानकारी माटी गणेश की संस्थापक ज्योति सुबोध खंडेलवाल ने दी। उन्होंने बताया कि मिट्टी और गोबर में 76 औषधियों के अर्क से मंत्रोच्चार के बीच बनी गणपति जी की पहली मूर्ति विधि-विधान से पूजा कर श्रीराम मंदिर के वास्तुकार श्री चंद्रकांत भाई सोमपुरा को एक अगस्त को भेज दी गई है। मूर्ति के साथ बनारस में पंचरंगी धागे से बनी एक दिव्य माला, सेनेटाइजर पाउच और एक मास्क भी भेजा गया है। चंद्रकांत भाई के सुपुत्र आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा सवा 11 इंच की इस प्रतिमा को लेकर अयोध्या पहुंचेंगे। तीन तारीख को जन्मस्थली में गणपति पूजन के साथ भूमिपूजन समारोह का शुभारंभ होगा। वहां इंदौर के शास्त्रोक्त माटी गणेश भी विराजित होंगे। ज्योति सुबोध ने बताया कि उन्होंने 31 तारीख को श्री रामजभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव श्री चंपत राय जी को फोन पर माटी गणेश प्रतिमाओं के बारे में बताते हुए प्रतिमा भेजने की स्वीकृति मांगी थी। उन्होंने मंदिर के मॉडल की डिजाइनिंग करने वाले वास्तुविद श्री चंद्रकांत भाई सोमपुरा को मूर्ति भेजने को कहा था। अब वे गणपति जी को रामजी के मंदिर ले जाएंगे।


बताते चलें कि शास्त्रोक्त माटी गणेश मूर्ति बनाने का सिलसिला परमपूज्य शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी और वैद और आगम शास्त्रों के विद्वान, आचार्य डॉक्टर विनायक पांडेय जी की प्रेरणा से साल 2014 में शुरू हुआ था। अब ये मूर्तियां मुंबई, पुणे, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, जयपुर, जोधपुर, सूरत, बड़ौदा, भोपाल, जबलपुर तक जाती हैं।                


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