शनिवार, 1 अगस्त 2020

घोटाले में 6 अधिकारियों को सस्पेंड किया

राणा ओबराय
रजिस्ट्री घोटाले में सीएम मनोहर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राजस्व विभाग के 6 अधिकारियों को किया सस्पेंड
चण्डीगढ़। गलत रजिस्ट्री करने के कारण हरियाणा में तहसीलदारों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला द्वारा गुडग़ांव रेंज के छह तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने की सिफारिश को मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दी। इसके साथ ही उनको चार्जशीट कर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर ली गई है। डिप्टी सीएम ने कड़े शब्दों में कहा है कि भ्रष्ट अधिकारी को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों ना हो। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जमीनों की गलत रजिस्ट्रियों के आरोप में तुरंत प्रभाव से राजस्व विभाग के छ: अधिकारियों को सस्पेंड किया है। इन अधिकारियों के खिलाफ हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन अधिनियम, 1975 का उल्लंघन कर विलेखों (डीड) का पंजीकरण करने के मामले में यह कार्रवाई अमल में लाई गई है। गुरुग्राम जिला के सोहना के तहसीलदार बंसी लाल और नायब तहसीलदार दलबीर सिंह दुग्गल, बादशाहपुर के नायब तहसीलदार हरि कृष्ण, वजीराबाद के नायब तहसीलदार जय प्रकाश, गुरुग्राम के नायब तहसीलदार देश राज कांबोज, मानेसर के नायब तहसीलदार जगदीश को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड और हरियाणा सिविल सेवा (दण्ड तथा अपील) नियम, 2016 के नियम 7 के तहत चार्जशीट किया गया है। कादीपुर के नायब तहसीलदार (सेवानिवृत्त) ओम प्रकाश को हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2016 के नियम 12 (2) (बी) के तहत चार्जशीट किया गया है । एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन कर दस्तावेजों का पंजीकरण करने के लिए इन अधिकारियों के खिलाफ 1975 के अधिनियम संख्या 8 की धारा 10 के तहत एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। गुरुग्राम मण्डल के आयुक्त को उन पटवारियों, जिन्होंने गलत इरादे के साथ खसरा गिरदावरी में भूमि की प्रविष्टियों को ‘कृषि भूमि’ से गैर मुमकिन, गैर मुमकिन पहाड़, गैर मुमकिन फार्महाउस आदि’ में बदल दिया ताकि 1975 के अधिनियम संख्या 8 की धारा 7-ए का उल्लंघन करते हुए विलेखों के पंजीकरण को आसान बनाया जा सके, के बारे में एक विस्तृत जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी निर्देश दिया गया है। बता दें कि कल ही डिप्टी सीएम ने गुरुग्राम में पत्रकार वार्ता में कहा था कि राजस्व विभाग के दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों को न केवल सस्पेंड किया जाएगा बल्कि उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी। इसी कड़ी में आज गुडग़ांव रेंज के कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर डिप्टी सीएम ने तुरंत छह अधिकारियों को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए हैं। इन अधिकारियों के खिलाफ हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन अधिनियम, 1975 का उल्लंघन कर विलेखों (डीड) का पंजीकरण करने के मामले में यह कार्रवाई की गई है। प्रवक्ता ने बताया कि 1975 के अधिनियम संख्या 8 की धारा 7-ए के दुरुपयोग को रोकने के लिए नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग और शहरी स्थानीय निकाय विभागों को उनके द्वारा जारी एनओसी के संबंध में एक आंतरिक जाँच करने और जाँच रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर राजस्व विभाग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि पंजीकरण रोकने की इस अवधि का उपयोग नगर एवं ग्राम आयोजना, शहरी स्थानीय निकाय, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, एचएसआईआईडीसी, शहरी संपदा, पुलिस, वन विभागों और मुकदमेबाजी मामलों को वेब-हेलरिस ऐपलिकेशन के साथ इंटरफेस करके एक प्रौद्योगिकी आधारित चैक स्थापित करने के लिए किया जाए, ताकि कानून का उल्लंघन करके इस तरह के पंजीकरण को रोका जा सके। प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने शहरी स्थानीय निकाय और नगर एवं ग्राम आयोजना विभागों को 15 दिनों के भीतर अपनी जांच करने और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है, ताकि कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन में किए गए पंजीकरण के संबंध में इन विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा सके।            


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