गुरुवार, 6 अगस्त 2020

गाजियाबाद डीएम की पढ़ाई-लिखाई फुर्र

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय भले इस जिले के अस्पतालों में उपलब्ध सुख सुविधाओं के बारे में लाख दावे करते रहें मगर जिले में तैनात अधिकारियों को ही सरकारी सुविधाओं पर भरोसा नहीं है।  यही कारण है कि जिले में कोरोना संक्रमित होने वाले सभी अधिकारी निजी अस्पतालों में अपना उपचार करवा रहे हैं। ताजा मामला जिले के एक सरकारी अस्पताल से जुड़ा है। अस्पताल के मुखिया कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। उन्हें नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जिले में कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गई हैं। जिले में एल-1, एल-2 और एल-3 स्तर के अस्पताल हैं। इसके अलावा जिले के 10 निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का उपचार किया जा रहा है, जिनके 20 प्रतिशत बेड स्वास्थ्य विभाग ने रिजर्व किए हैं। इसके बावजूद जिले से गंभीर मरीजों को रेफर किया गया। शासन स्तर से फटकार पड़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों को मेरठ और दिल्ली रेफर करना बंद किया।


प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग आम जनता के लिए भले ही जिले में सभी व्यवस्थाएं होने के दावे कर रहा है लेकिन, सरकारी अधिकारियों को ही सरकारी व्यवस्थाओं पर भरोसा नहीं है। जिले में कोरोना संक्रमण की शुरूआत में ही एक सरकारी डॉक्टर संक्रमित हुए थे, जिन्हें एल-2 संयुक्त अस्पताल में भर्ती करके उपचार किया गया था। हालांकि उन्होंने अस्पताल में अव्यवस्थाओं की शिकायत शासन तक कर दी थी। पिछले दिनों जिले में तैनात कई अधिकारी कोरोना संक्रमण का शिकार हुए। सभी को निजी अस्पतालों में ही भर्ती करवाया गया। जिले में तैनात एडीएम भी कोरोना संक्रमित हुए, उन्हें कौशांबी के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया फिलहाल वे संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।         


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