रविवार, 9 अगस्त 2020

चरमराई व्यवस्था से अनियंत्रित कोरोना

अकांशु उपाध्याय


लखनऊ। प्रदेश में सरकार को सड़कों पर लगने वाली खाने पीने की दुकानों पर कुछ दिनों के लिए प्रतिबंध लगा देना चाहिए।इन दुकानों में कहीं भी सरकार के दिशा निर्देशों का पालन नही हो रहा है।स्थिति
यह है कि दिनोदिन कोरोना के मरींजों की संख्या बढ़ती जा रही है और चिकित्सा सेवाएं ध्वस्त होती जा रही हैं। इनदिनों यह देखने में आ रहा है कि जहाँ कहीं भी खानपान की दुकाने हैं।उनमें ज्यादा भीड़ उमड़ रही है।इनमें चाट, समोसा खस्ता, पानी के बतासे, डोसा, चाऊमीन,छोला भटूरा आदि वस्तुओं की दुकानें कोरोना विस्तार का माध्यम बन रही हैं।इनमे महिलाओं की संख्या से ज्यादा पुरुषों की संख्या है।जो एक के ऊपर एक चढ़े हुए सामान खरीदते और खाते दिख जायेंगे।जिनको देखकर पुलिस भी कुछ कार्रवाई नही करती है।पुलिस की शह पर लगती इन दुकानों के मालिकों पर सरकार और प्रशासन के आदेशों का कोई असर नही पड़ता है।बाजार बंदी के समय का भी यह सब उल्लंघन करते नजर आते हैं।
सरकार ने इस पर अंकुश नही लगाया तो कानपुर और लखनऊ जैसे शहरों की दशा दिनोदिन और बदतर होती जाएगी।क्योंकि खाने पीने की दुकानों पर बिकने वाला सामान एक तो खुला बिक रहा है,दूसरे वह मानकों पर भी खरा नही उतरता।यह सब खाद्य विभाग के लोग  जानते हुए भी कोई कार्रवाई नही करते हैं।कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण के बाद भी लोग किसी भी नियम को मानने को तैयार नही हैं।यह देखते हुए तमाम व्यापारी भी एकबार फिर से कुछ समय के लिए लॉकडाउन की मांग करने लगे हैं। ताकि दिनोदिन बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या पर कुछ नियंत्रण किया जा सके।              


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