रविवार, 9 अगस्त 2020

6 चरणों में शुरू होगी पढ़ाई, ड्राफ्ट जारी

मनोज सिंह ठाकुर


नई दिल्ली। लॉकडाउन के चलते स्कूल-कॉलेज काफी समय से बंद हैं। इसलिए इन्हें दोबारा खोले जाने पर लगातार विचार-विमर्श चल रहा है। मगर कोरेाना काल में स्कूलों को संचालान किस तरह से हो और बच्चों को संक्रमण का खतरा न रहे ये सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसी सिलसिले में एनसीईआरटी ने एक ड्राफ्ट गाइडलाइन तैयार किया है। जिसे सरकार को सौंपा गया है। इसमें कक्षाएं किस तरह से संचालित की जाए इस पर कई सुझाव दिए गए हैं।


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एनसीईआरटी के ड्राफ्ट प्लान में स्कूलों को दोबारा खोलने पर बच्चों, पेरेंट्स व टीचर्स के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होगा इस बात पर फोकस किया गया है। ड्राफ्ट में कहा गया है कि स्कूल खुलने के बाद रोल नंबर के आधार पर कक्षाए संचालित की जाए। मतलब यहां ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जा सकता है। इससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सकेगा।


खुले मैदानों में लगाएं क्लासेज:
एनसीईआरटी ने सुझाव दिया है कि अगर कक्षाएं खुले मैदानों (Open Fields) में लगाई जाएं तो इससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बेहतर तरीके से हो सकेगा। क्योंकि कक्षाओं में जगह सीमित होती है। ऐसे में बच्चों के बीच ज्यादा दूरी रखना मुमकिन नहीं हो पाएगा। इसके अलावा स्कूल पहुंचने के समय में भी गैप रखने का प्रस्ताव रखा है। प्लान के अनुसार स्कूल पहुंचने में कक्षाओं के हिसाब से 10-10 मिनट का अंतराल रखना बेहतर होगा।


कक्षाओं में लागू हो सकती हैं ये व्यवस्थाएं:
NCERT के ड्राफ्ट गाइडलाइन के मुताबिक स्कूलों को दोबारा खोलने पर कक्षाओं के संचालान में बदलाव किया जा सकता है। जिसमें हर क्लास में स्टूडेंट्स (Students) के बीच 6 फीट की दूरी जरूरी होगी। जबकि एक कमरे में 30 या 35 बच्चों से ज्यादा की अनुमति नहीं होगी। क्लासरूम के दरवाजे-खिड़कियां खुली रहेंगी और एसी नहीं चलाए जाएंगे। इसके अलावा कमरे रोजाना सैनिटाइज किए जाए। इसके अलावा मॉर्निंग असेंबली और एनुअल फंक्शन जैसा कोई आयोजन नहीं होंगे।


बच्चों के लिए जरूरी होंगी ये चीजें:
गाइडलाइन के तहत बच्चों को स्कूल में ऑड-ईवन के आधार पर बुलाया जाएगा, लेकिन उन्हें रोजाना होम असाइनमेंट देना होगा। जबकि क्लास में बच्चे सीट न बदलें, इसलिए डेस्क पर नाम लिखा होगा। स्कूल में प्रवेश से पहले छात्रों और स्टाफ की स्क्रीनिंग होगी। स्कूल के बाहर खाने-पीने के स्टॉल नहीं लगाए जाएंगे। इसके अलावा बच्चों के लिए कॉपी, पेन, पेंसिल या खाना शेयर करने की मनाही होगी।


स्कूलों को फॉलो करना पड़ेगा रूल:
गाइडलाइन के अनुसार स्कूल प्रबंधन को भी कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा। इसके तहत उन्हें चिकित्सा, सुरक्षा या सफाई संबंधी कामों से जुड़ी सभी चीजों की जानकारी उन्हें पेरेंट्स को देनी होगी। साथ ही पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग नहीं होगी। अगर किसी स्कूल का हॉस्टल है तो वहां भी दो बेडों के बीच छह फीट का गैप रखना जरूरी होगा।


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