बुधवार, 1 जुलाई 2020

पेट्रोलियम पदार्थ के बढ़ते मूल्यों का असर

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil Price) और दूसरे पेट्रोलियम पदार्थों के दाम में हो रही वृद्धि का असर अब घरेलू बाजार में साफ दिखने लगा है। बुधवार को पेट्रोल-डीज़ल और रसोई गैस के अब एटीएफ यानी विमान ईंधन (ATF-Air Turbine Fuel Price Hiked) के दाम में भी 7.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है।


एविएशन टरबाइन फ्यूल यानी एटीएफ के दाम राष्ट्रीय राजधानी में 2,922.94 रुपये प्रति किलोलीटर यानी 7.55 फीसदी बढ़कर 41,992.81 रुपये प्रति किलोलीटर (प्रति हजार लीटर) हो गए है। माना जा रहा है कि लागत बढ़ने पर एविएशन कंपनियां टिकटों के दाम बढ़ा सकती है। एक महीने में एटीएफ की कीमतों में यह तीसरी सीधी वृद्धि है। 1 जून को 56.6 फीसदी (126 12,126.75 प्रतिकिलोलीटर) की दर से दरों में बढ़ोतरी की गई, इसके बाद 16 जून को 5,494.5 रुपये प्रति किलोलीटर (16.3 प्रतिशत) की वृद्धि हुई।
क्या होता है एटीएफ- जेट फ्यूल या एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) की जरूरत विमानों के परिचालन के लिए पड़ती है।जिसका प्रयोग जेट व टर्बो-प्रॉप इंजन वाले विमान को पावर देने के लिए किया जाता है। यह एक विशेष प्रकार का पेट्रोलियम आधारित ईंधन है। एटीएफ दिखने में रंगहीन और स्ट्रा की तरह होता है। ज्‍यादातर कॉमर्शियल विमानन कंपनियां ईंधन के तौर पर जेट-ए एवं जेट ए-1 ईंधन का इस्‍तेमाल करती है।


एटीएफ का उत्पादन अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के अनुरूप और तय दिशानिर्देशों के तहत किया जाता है। आमतौर पर टरबाइन इंजन संचालित विमानों में जेट-बी फ्यूल का ही प्रयोग किया जाता है। सर्दियों में इसका प्रयोग विमानों के बेहतर परिचालन के लिए होता है। कैसे तय होती है एटीएफ की कीमत – अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एटीएफ की कीमतें और क्रूड ऑयल की कीमतों के आधार पर इसके दाम तय होते है। इसके अलावा डिमांड-सप्लाई, प्राकृतिक आपदाओं, मौद्रिक उतार-चढ़ाव, भू-राजनैतिक तनावों के साथ-साथ ब्याज दर और अन्य चीजें भी रेट तय करने के लिए जिम्मेदार होती है।


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