नई दिल्ली। आसमान में प्रकृति की आतिशबाजी देखना एक जबरदस्त और अद्भुत अनुभव होता है। यह अद्भुत नजारा 28-29 जुलाई की रात को आसमान में देखा जा सकता है। जब प्रति घंटे 15-20 उल्का पिंड और कुल मिलाकर 50 या उससे अधिक उल्का पिंडों की बारिश होगी। रात 12 से 1 बजे के बीच इस अनोखी खगोलीय घटना का लुत्फ नंगी आंखों से उठाया जा सकेगा।
वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के खगोलविद् अमर पाल सिंह ने बताया कि पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमते हुए सूर्य का चक्कर लगाने के दौरान सोलर सिस्टम में मौजूद छोटे खगोल पिंडों के मलबे पृथ्वी के वायुमंडल में घुसने की कोशिश करते हैं। धरती के वायुमंडल में प्रवेश के दौरान ये घर्षण की वजह से जलने लगते हैं। जिस वजह से ये नजारा देखने लायक होता है।उन्होंने बताया कि उस दिन चांद का आकार 66 फीसद होने कारण उल्का वृष्टि के नजारे को चंद्रमा के अस्त होने के बाद ही बखूबी देखा जा सकेगा। कोरोना महामारी के चलते प्रदूषण का स्तर भी घटा है, जिसके बाद आकाश में होने वाली ये खगोलीय घटनाएं और साफ नजर आने लगीं हैं।
शनिवार, 25 जुलाई 2020
अंतरिक्ष में दिखाई देगा अद्भुत नजारा
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