बुधवार, 29 जुलाई 2020

अंबाला में राफेल का स्वागत किया गया

राणा ओबरॉय


अम्बाला। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि राफेल का अम्बाला में स्वागत है। राफेल के आने से जहां एक ओर वायुसेना की सामरिक ताकत बढ़ गई है, वहीं दूसरी ओर सुरक्षात्मक दृष्टिï से समूची व्यवस्था में नए अध्यायों का सूत्रपात हुआ है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि न तो हम आंख झुका कर बात करते हैं और न आंख उठा कर बात करते हैं, हम तो आंख मिलाकर बात करते हैं। बदलते परिवेश में देखा जाए तो राफेल के आने से हमारी सामरिक व्यवस्था बहुत मजबूत हो चली है और आने वाले समय में जैसे ही अन्य राफेल भारत में आएंगे तो उस समय नजारा ही कुछ और होगा। विज ने कहा कि राफेल एक पराक्रमी योद्घा है जिसमें दुशमनों पर करारा प्रहार करने की क्षमता है। सामरिक दृष्टि से हमारी सेनाओं की मजबूती में नये युग का आगाज हुआ है। सरकार का यह कदम बहुत ही सराहनीय है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत के पास चिनूक, अपाचे, सुखोई, जगुआर, मिराज, मिग-29 जैसे ताकतवर एयरक्राफ्ट हैं, राफेल के आने से हमारी ताकत कईं गुणा बढ़ गई है। पड़ौसी देशों को अब पहले से और अधिक सावधान रहने की जरूरत है। यदि कहीं से भी किसी भी दुशमन देश ने हिन्दुस्तान की तरफ आंख उठाने की हिम्मत की तो करारा जवाब देने के लिए हमारी सजग सेनाएं तैयार हैं। अब हम सामरिक दृष्टिï से और मजबूत हो गये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हिन्दुस्तान 1962 वाला नही बल्कि 2020 का नया भारत है जो अपने स्वाभिमान और सरहदों की भली-भांति रक्षा करना जानता है।
गृहमंत्री ने यह भी कहा कि राफेल एक सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, जिसकी उपस्थिति आत्मविश्वास में वृद्घि करती है। लोगों में भी उत्साह और हिम्मत का जुनून है। लम्बे समय से देशवासी राफेल के आगमन का इंतजार कर रहे थे। आज बाद दोपहर जैसे ही राफेल ने अम्बाला की पावन और पवित्र धरा को छुआ, लोग खुशी से झूम उठे। हमें चाहिए कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा सुरक्षात्मक दृष्टि से किए जा रहे प्रबन्धों के दृष्टिगत सरकार का इसी तरह भरपूर सहयोग करते रहें। विज ने राफेल विमानो की सकुशल  लैंडिंग पर जाबांज वायु वीरों के साथ-साथ सेनाओं को बधाई दी।
उन्होंने यह भी कहा कि अम्बाला की पावन धरा योद्घाओं और शूरवीरों की धरा है। स्वाधीनता संग्राम की पहली चिंगारी यहीं से फूटी थी। यहां के योद्घाओं ने राष्टï्रप्रेम के प्रति लोगों को जगाने का काम किया। हमें अपने एतिहासिक परिदृश्य से भी सीख लेने की जरूरत है। अम्बाला एक एतिहासिक नगर है, जिसके कण-कण से नई सीख और प्रेरणा मिलती है। सामरिक दृष्टि से भी अम्बाला का बहुत बड़ा महत्व है। आज पूरे देश में ही नही, पूरी दुनिया के लोग अम्बाला को जानने लगे हैं।   


मनोज सिंह ठाकुर                    


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