गुरुवार, 9 जुलाई 2020

अध्ययन और योग एक दूसरे के पूरक

योग करने से एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है शिक्षा और योग एक दूसरे के पूरक हैं, आचार्य ललित


रतन सिंह चौहान
होडल। योगाचार्य ललित आर्य होडल में  आर एस योगा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित योग और शिक्षा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा और योग का आपस में गहरा संबंध है। योग करने से एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है जिससे शरीर तनाव मुक्त रहता है और बच्चों में पढ़ने की जिज्ञासा बढ़ती है। उन्होंने कहा कि व्यायाम करने से शारीरिक बल तो बढ़ सकता है लेकिन बुद्धि का विकास योग और शिक्षा से ही होता है। लोगों को तनाव मुक्त जीवन के लिए प्रतिदिन योग करना चाहिए।
शिक्षाविद मंजु गौड़ ने बताया कि योग और शिक्षा से स्वस्थ और श्रेष्ठ मानव का विकास होता है और श्रेष्ठ मानव से स्वच्छ समाज का निर्माण होता है। योग और शिक्षा से शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ और स्वच्छ समाज से ही देश का कल्याण संभव है। उन्होंने कहा कि आज इस वैश्विक महामारी के दौर में शारीरिक तौर पर आंतरिक बल की जरूरत है। हमें शारीरिक दूरी के साथ साथ मुंह भी ढककर रखना चाहिए।
भारत स्वाभिमान ट्रस्ट से उदयपाल जी ने लोगों से आह्वान किया कि योग और शिक्षा के माध्यम से बच्चों में अच्छे संस्कार पैदा किया जा सकता है। अच्छा संस्कार समाज और मानव जीवन को राष्ट्रहित के लिए  प्रेरित करने का काम करता है। योग मन और शरीर को स्वस्थ रखने का अभ्यास है। योगासन और अभ्यास द्वारा हम अनेक रोगों की रोकथाम कर सकते हैं।
इस अवसर पर डीओसी गाइड्स योगेश कुमार सौरोत मा. देव शर्मा,  समाज सेवी राम अवतार शर्मा आदि अनेक शिक्षा और समाज सेवी उपस्थित थे।  संस्थान के प्रबन्धक फतेह राम शर्मा ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद किया।             


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