शनिवार, 6 जून 2020

सबका पेट भरने वाला, दाने-दाने को मोहताज

अतुल त्यागी, रिंंकू सैनी(क्राइम रिपोर्टर)

सबका पेट पालने वाला खुद होने जा रहा दाने-दाने को मोहताज

हापुड़। जनपद हापुड़ में किसानों का आलम यह है कि उसकी प्रत्येक फसल का दाम उसको नहीं मिल पा रहा जहां खेतों में वह रात दिन मेहनत करके  फसल को पैदा करता है सिर्फ इस आस में की फसल बिकेगी तो उसके घर में खुशियां आएंगी खाने के लिए अन्न आएगा वह बच्चों के लिए कपड़े लाएगा लेकिन लॉक डाउन को देखते हुए आज किसान खुद दाने-दाने को मोहताज होने की कगार पर है। किसान अपनी खड़ी फसल जोतने को तैयार हैं तो कहीं किसान अपनी फसलों को यूं ही सड़कों पर फेंक रहा है ऐसा ही एक नजारा आज हापुड़ के मंसूरपुर गांव में देखने को मिला जहां किसानों ने गाजर से भरा एक ट्रक यूं ही फेंकने को मजबूर होना पड़ा किसान संजय यादव ने बताया कि उसने यह गाजर दिल्ली के लिए भेजी थी लेकिन जगह-जगह मंडी बंद होने के कारण उनकी यह गाजर बिग नहीं पाई ऐसे में किसान जाए तो कहां जाए गाजर की खेती 8 माह की होती है यह विलायती गाजर  जिसका भाव 60 रूपये किलो के  हिसाब से बिकती थी वह आज 80 रूपये की बोरी भी नहीं बिक  रही है। ऐसे में किसान बेहाल है। हमारे द्वारा आज जो गाजर दिल्ली भिजवाई गई थी वह यूं ही वापस आ गई मजबूरी में आज उसको हमको फेंकना पड़ा 8 माह की मेहनत यूं ही पानी में बेकार चली गई। किसान प्रेमचंद सैनी का कहना है कि वह पिछले काफी लंबे समय से गाजर की खेती कर रहे हैं तथा गाजर का इतना बुरा हाल उन्होंने कभी नहीं देखा। आज गाजर की खुदाई की लागत भी नहीं आ पा रही ऐसे में वह कहां जाएं सरकार की तरफ आस लगाए बैठे हैं लेकिन सरकार है कि कुछ देखने को तैयार ही नहीं। किसान मोहन लाल सैनी ने बताया कि उसके द्वारा बड़ी मेहनत से टमाटर की फसल बोई गई थी लेकिन टमाटर तो खूब लगे परंतु उनका खरीदार कहीं नहीं मिल रहा। आज टमाटर की 20 किलो की क्रेट मात्र 20 रूपये में जा रही है। ऐसे में किसान को टमाटर के पैसे भी नहीं मिल पा रहे हैं अब किसान खड़ी फसल को जोतने को मजबूर है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा टमाटर की खेती उधार पैसा लेकर लगाई गई थी अब कहां से वह उधार का पैसा चुकाये और कहां से खेत में काम करने वाले खेतिहर मजदूरों को पैसे दे। किसान जयभगवान ने बताया कि उसके द्वारा गेंदे की फसल लगाई गई थी लेकिन गेंदा की फसल पर  फूल जैसे ही आया वैसे ही देश के अंदर लॉक डाउन लग गया ऐसे में उसको फूल का खरीदार ही नहीं मिला ना तो उसको बीज के पैसे हाथ लगे और ना ही पानी के और ना ही खेत की जुताई के मजबूर होकर उसको अपनी खड़ी फसल जोतने को मजबूर होना पड़ा उसके साथ भुखमरी की स्थिति पैदा हो रही है सरकार को चाहिए कि किसानों का सर्वे कराया जाए ताकि किसानों की जो फसलों का नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई की जाए क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री द्वारा भी यह कहा गया था कि किसानों के हित में कार्य किए जाएंगे। आज किसान को बचाने का समय है सरकार को आगे आना चाहिए और किसान को बचाना चाहिए।

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