रविवार, 21 जून 2020

नपा अध्यक्ष के पद को लग सकता है ग्रहण

  
  
 


सुदेश शर्मा

गाजियाबाद। नगर निकाय चुनाव 2017 में वित्तीय अनिमितताओं के कारण नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद को लग सकता है ग्रहण-? मोदी नगर, नगर पालिका परिषद के चुनाव वर्ष 2017 में अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी अशोक माहेश्वरी द्वारा चुनाव प्रचार में बरती गयी भारी वित्तीय अनिमितताओं के चलते उनके अध्यक्ष पद पर ग्रहण लग सकता है ?

नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन वर्ष 2017 में अध्यक्ष पद हेतु प्रत्याशी द्वारा चुनाव में होने वाले व्यय को चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित दरों से बिलों को कम धनराशि के दर्शाकर सहायक निर्वाचन अधिकारी (नगरीय निकाय) गाजियाबाद में जमा कराये गये हैं । जिसके परिणामस्वरूप नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है । चुनाव के दौरान हुयी नुक्कड़ सभाओं के खर्चे को छुपाया गया है । सहायक निर्वाचन अधिकारी, नगर निकाय कार्यालय गाजियाबाद जमा नहीं कराये गये हैं । चुनाव के दौरान प्रत्याशी रोड शो में हुए खर्चों को भी छुपाया गया है । यहाँ तक की चुनाव सामग्री के बिलों को कम करके दर्शाया गया है । चुनाव प्रचार के दौरान के छपे विज्ञापनों के बिलों को डी ए वी पी द्वारा निर्धारित दरों से कम दरों पर बिलों को नगरीय निकाय कार्यालय में जमा कराये गये हैं । एक समाचार पत्र में छपे विज्ञापन के बिल को नगर निकाय कार्यालय में जमा नहीं कराया गया है ? 

जिससे चुनाव आयोग द्वारा नगर निकाय चुनाव में नगर पालिका परिषद वर्ष 2017 में हुए अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अशोक माहेश्वरी ने तथ्यों को छुपाया है ।

जब कि अशोक माहेश्वरी द्वारा निर्वाचन अधिकारी, नगर पालिका परिषद मोदी नगर को अपने शपथ पत्र के बिन्दु- 1 में कहा है कि मैं अशोक माहेश्वरी, नगर पालिका परिषद के लिए अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने वाला अभ्यार्थी था । जिसका परिणाम दिनांक 01- 12- 2017 को घोषित किया गया ।

बिन्दु- 2 में, यह है कि उपयुक्त निर्वाचन के सम्बन्ध में दिनांक 06 11-2017 (वह तारीख जब मुझे नामांकित किया गया था) इसके परिणाम की घोषित की तारीख दोनों दिनों को सम्मिलित करते हुए के बीच मैने/ मेरे निर्वाचन अभिकर्ता व मेरे द्वारा उपगत/ प्राधिकृत सभी व्ययों को प्रथक एवं सही लेखा रखा है । बिन्दु- 3 में, यह है कि उक्त लेखा रिटर्निंग द्वारा इस उद्देश्य के लिए किये गये रजिस्ट्रर में अनुरक्षित किया गया था एवं उक्त रजिस्ट्रर इस लेखा में उल्लिखित बाउचर/ बिल के साथ संलगन है । बिन्दु- 4 में, यह कि निर्वाचन के सम्बन्ध में इसमें संलग्न मेरे निर्वाचन व्यय के लेखे में मेरे या मेरे निर्वाचन अभिकर्ता मुझे प्रायोजित करने वाले राजनैतिक दल या व्यक्ति, संगठन द्वारा उपगत अथवा प्राधिकृत निर्वाचन व्यय की सभी मदें इसमें शामिल हैं एवं उसमें (लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 1951 की धारा- 7 (1) के अन्तर्गत स्पष्टीकरण 1  (2) द्वारा इसके अंतर्गत । बिन्दु- 5, यह कि पूर्व पैरा 1 ता 4 में दिये गये कथन मेरे सर्वोत्तम जानकारी एवं विश्वास के अनुसार सत्य हैं और इसमें कुछ गलत नहीं हैं एवं किसी भी महत्वपूर्ण तथ्य को छिपाया नहीं है । यह शपथ पत्र भी तथ्यों को छुपा कर प्रस्तुत किया गया है ।

नगर निकाय निर्वाचन कार्यालय द्वारा प्रपत्रों की प्राप्ति तो दी गई है परन्तु प्रपत्र सही पाये गये इसका कोई प्रमाण- पत्र अभी जारी नहीं किया गया है ।



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