शनिवार, 27 जून 2020

धर्म-जाति, नस्ल पर काम नहीं करते हैंं

हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को समावेशिता का एक मजबूत संदेश देते हुए कहा कि उनकी सरकार किसी भी धर्म, लिंग, जाति, नस्ल या भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं करती है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में मार थोमा चर्च की भूमिका की भी प्रशंसा की। मोदी डॉ. जोसेफ मार थोमा मेट्रोपॉलिटन के 90वें जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केरल स्थित चर्च के कार्यक्रम में शामिल हुए।


मोदी ने कहा, सरकार का मार्गदर्शन भारत का संविधान करता है और इसलिए सरकार धर्म, लिंग, जाति, नस्ल या भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं करती है। उन्होंने कहा, द मार थोमा चर्च ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका निभाई है। चर्च राष्ट्रीय एकीकरण की दिशा में काम करने में सबसे आगे रहा है।


इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम का उपयोग कोरोनावायरस के खिलाफ भारत की सफल लड़ाई पर जोर देने के लिए किया। उन्होंने कहा, कोविड-19 के खिलाफ भारत में उबरने की दर (रिकवरी रेट) बढ़ रही है। कोविड-19 या किसी भी अन्य कारणों से किसी भी तरह की जान का नुकसान दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि भारत की प्रति मिलियन (10 लाख) जनसंख्या पर मृत्यु दर 12 के अंदर ही है। इसे संदर्भ में देखें कि इटली में मृत्यु दर प्रति मिलियन जनसंख्या पर 574 है।


उन्होंने कहा कि अमेरिका, स्पेन, ब्रिटेन और फ्रांस के आंकड़े भारत की तुलना में बहुत अधिक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यापार और व्यवसाय खुलने शुरू हो गए हैं, लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है। चर्च के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के बारे में कहा कि यह हर भारतीय के लिए समृद्धि लाएगा। उन्होंने दावा किया कि इसका उद्देश्य निर्यात आय बढ़ाना है और 55 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देना है।


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