सोमवार, 11 मई 2020

'राष्ट्रपति' ने कहा, वैज्ञानिकों पर गर्व

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे वैज्ञानिकों की प्रशंसा की है। राष्ट्रपति ने कहा कि वे देश को गौरवान्वित और आत्मनिर्भर बना रहे हैं। राष्ट्रपति ने सोमवार को राजस्थान के पोखरण में 1998 के परमाणु परीक्षणों की वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं दीं।


कोविंद ने ट्वीट कर कहा, हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समावेशी विकास के प्रमुख उपकरणों के रूप में मान्यता देते हैं। हमारे वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई के अग्रिम मोर्चे पर हैं। इस अवसर पर हम राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने में वैज्ञानिक समुदाय के अतुलनीय योगदान का जश्न मनाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर उन लोगों की प्रशंसा की, जो कोरोना वायरस को हराने के लिए अनुसंधान में सबसे आगे हैं। उन्होंने 1998 में पोखरण परीक्षण करने वाले देश के वैज्ञानिकों की असाधारण उपलब्धि को भी याद किया। मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर हमारा देश उन सभी को सलाम करता है, जो दूसरों के जीवन में सकारात्मक अंतर लाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम 1998 में इस दिन अपने वैज्ञानिकों की असाधारण उपलब्धि को याद करते हैं। यह भारत के इतिहास में एक उल्लेखनीय क्षण था।


प्रधानमंत्री ने कहा, आज दुनिया को कोविड-19 से मुक्त बनाने के प्रयासों में प्रौद्योगिकी कई तरह से मदद कर रही है। मैं कोरोना वायरस को हराने के तरीकों पर अनुसंधान करने वाले सभी लोगों को सलाम करता हूं। मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मानव जाति एक स्वस्थ और बेहतर ग्रह बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगी। विदेश मंत्रालय के सहयोग से 17 अप्रैल, 2020 को रायपुर स्थित अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्मस) के जरिए दक्षिण एशियाई देशों के चिकित्साकर्मियों को कोविड-19 के खतरे, इससे बचने के उपाय और चिकित्सा को लेकर एक चार सत्रीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। पाकिस्तान व मालदीव के अलावा अन्य सभी देशों ने इसमें हिस्सा लिया और आगे भी इस तरह का कार्यक्रम चलाने पर सहमित बनी। वैसे मालदीव ने भी तकनीकी वजह से हिस्सा नहीं लिया। सार्क के अन्य देशों ने आयोजन को काफी लाभप्रद बताया। विदेश मंत्रालय के सहयोग से सार्क देशों के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। इसका प्रस्ताव पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से सार्क देशों के प्रमुखों की बैठक में किया गया था। अभी जबकि अधिकांश सार्क देशों में यह महामारी ने भयंकर रूप लेना शुरु कर दिया है तो इस प्रशिक्षण को सभी देशों ने काफी उपयोगी बताया है।


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