मंगलवार, 12 मई 2020

पासवान ने सीएम नीतीश को पत्र लिखा

पटना। लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। पत्र में चिराग पासवान ने सीएम नीतीश को कई सलाह दिए हैं। चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि जिस तरीके से यूपी की योगी सरकार ने अपने लोगों को सड़क मार्ग के माध्यम से वापस लायी है वैसे हीं बिहार सरकार भी काम करे और मजदूरों को वापस लाए।


चिराग पासवान ने कहा है कि विभिन्न राज्यों में लोक जनशक्ति पार्टी कार्यकर्ता फंसे बिहारी मजदूरों को खाने की सामग्री पहुंचाने गए तो उन्होंने पाया कि वहां रह रहे मजदूर अत्यंत दयनीय स्थिति में है। कई ऐसी तस्वीरें भी सामने आई है जहां एक छोटे कमरे में बड़ी संख्या में मजदूर रहने को विवश हैं। मेरा आपसे आग्रह है कि जिन राज्यों में मजदूर फंसे हुए हैं वहां के मुख्यमंत्रियों से सीधा संवाद करें। उनसे यह सुनिश्चित कराएं कि वहां रह रहे बिहारी मजदूरों को जब तक वापस नहीं लाया जाता तब तक उनके रहने व खाने की उचित व्यवस्था हो।


चिराग पासवान ने सीएम नीतीश से दूसरा आग्रह किया है कि दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को बिहार वापस लाने को लेकर एक बड़ा इश्यू है। वापस आने वाले मजदूरों के पंजीकरण में कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हो रही हैं। पंजीकरण के लिए जो हेल्पलाइन नंबर सरकार ने जारी किए हैं उसमें से अधिकांश नंबरों पर संपर्क नहीं हो पा रहा है। पंजीकरण की दूसरी प्रक्रिया में मजदूरों को ऑनलाइन फॉर्म भरना है लेकिन कई लाख ऐसे मजदूर हैं जिनके पास न तो स्मार्टफोन है और ना ही वह इतने शिक्षित हैं। तीसरी प्रक्रिया पंजीकरण स्थानीय नोडल ऑफिसर या पुलिस थाने से करवाया जा सकता है उसमें भी प्रवासी मजदूरों को उनकी वजह से वहां जाने की इजाजत नहीं मिलती है। पंजीकरण न होने के कारण कई मजदूरों का नाम वापस लौट रहे रेल यात्रियों की सूची में नहीं है। चिराग पासवान ने सीएम नीतीश से आग्रह किया है कि जिन लोगों का पंजीकरण इन समस्याओं के बावजूद हो गया है उन्हें जांच कर वापस ट्रेन या बस के माध्यम से ले आएं। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार केंद्र के साथ विभिन्न राज्य में फंसे हुए मजदूरों की सूची साझा करें ताकि अधिक से अधिक ट्रेन की व्यवस्था की जा सके।


लोजपा सुप्रीमो ने जो तीसरा आग्रह किया है वह यह कि बिहार आने के बाद यह सुनिश्चित करना भी सरकार की ही जिम्मेदारी है कि वापस लौटे प्रवासी मजदूरों की सघन जांच हो, और उन्हें निश्चित अवधि के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाए।ऐसा न करने से प्रदेश में इस बीमारी का प्रकोप बढ़ सकता है। चिराग पासवान ने कहा है कि  मजदूरों को बिहार लाने की जिम्मेदारी  राज्य सरकार की है वहीं मजदूरों का ख्याल रखने का कर्तव्य भी सरकार की है। सोशल मीडिया पर बिहार के मजदूरों ने कई ऐसे वीडियो साझा किए हैं जिससे उनकी बदहाल स्थिति को देख दिल भावुक हो उठा है। चिराग पासवान ने आगे कहा है कि बड़ी संख्या में मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा कर अपने घर लौटने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि चाहे जैसे भी हो रेलमार्ग से या फिर जिस तरीके से उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने लोगों को वापस लेकर आई है वैसे ही बिहार सरकार भी मजदूरों को वापस लाने की हर संभव कोशिश करे।


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