शनिवार, 30 मई 2020

मानकहीन विद्यालयों की मान्यता खत्म करें

उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा विभाग उन निजी पब्लिक स्कूलों की मान्यता समाप्त करें जिन निजी स्कूलों की नियमानुसार मानक पूरे नहीं है-अरुण गुर्जर

अश्वनी उपाध्याय

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा विभाग एवं केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दिल्ली उन निजी पब्लिक स्कूलों का नवीनीकरण न किया जाये। बल्कि उनकी मान्यता समाप्त कर देनी चाहिए साथ ही प्राथमिक शिक्षा की मान्यता कहाँ से प्राप्त की है। 

इन निजी पब्लिक स्कूलों में नियमानुसार सुरक्षा आदि की दृष्टि से मानक पूरे नहीं है । उत्तर प्रदेश अग्नि शमन विभाग से स्कूल भवन निर्माण से पूर्व एवं भवन निर्माण के उपरांत अग्नि शमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण- पत्र जारी नहीं किया गया है । स्कूल भवन का मानचित्र स्वीकृत नहीं है, लोक निर्माण विभाग से भवन सुरक्षित प्रमाण- पत्र नहीं है, मानकों को छुपा कर निजी पब्लिक स्कूल के संचालन हेतु उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा विभाग से संचालकों को शर्तों के साथ जारी अनापत्ति प्रमाण- पत्र अवैध रूप से प्राप्त किया है ।इन स्कूलों का भू-उपयोग परिवर्तन स्कूल के पक्ष नहीं है । यदि उक्त तथ्यों की निष्पक्ष तरीके से जांच हो जाये तो दुध का दुध पानी पानी हो जाएगा तथा निजी पब्लिक स्कूलों में चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा भी हो जाएगा । यह बात राष्ट्रीय सूचना अधिकार टास्क फोर्स ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कही उन्होंने कहा कि निजी पब्लिक स्कूल के संचालक उत्तर प्रदेश में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दिल्ली से सम्बंद्धता रखने वाले पब्लिक स्कूल के संचालक उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण- पत्र शर्तों की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध एवं अनाधिकृत तरीके से भारी शिक्षा शुल्क स्कूल में वसूल कर रहे हैं ? जब कि शिक्षा, लाभ का व्यापार नहीं है ? उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा विभाग द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण- पत्र की शर्तों के अनुसार निजी पब्लिक स्कूलों में कम से कम 10 प्रतिशत स्थान मेधावी और पिछड़े एवं निर्बल आय वर्ग के बच्चों के सुरक्षित रहेंगे तथा उनसे उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद एवं बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विधालयों में विभिन्न कक्षाओं के लिए निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क नहीं लिया जायेगा । लेकिन पब्लिक स्कूल के संचालक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए स्कूल में अध्यन कर रहे बच्चों के अभिभावकों से अवैध अनाधिकृत तरीके से भारी भरकम शिक्षा शुल्क वसूल की जा रही है ? उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा विभाग द्वारा जारीअनापत्ति प्रमाण -पत्र की शर्तों के अनुसार स्कूल के सभी अध्यापक व अध्यापिकाएं प्रशिक्षित होंगे ।स्कूल के शिक्षण तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को राजकीय सहायता प्राप्त शिक्षण विधालयों के कर्मचारियों को अनुन्य वेतनमानों तथा अन्य भत्तों से कम वेतन मान एवं अन्य भत्ते नहीं दिये जायेंगे ।

निजी पब्लिक स्कूलों में अध्यन कर रहे बच्चों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से अग्नि शमन उपकरण ,रेंप , पानी का टैंक, डीजल चलने वाला पम्प ,बच्चों के लिए आवागमन की सुविधा, आदि नियमानुसार आपको पर्याप्त मात्रा में सुविधा नहीं मिलेंगी ।अधिकांश विधालयों में भवन निर्माण का संबंधित विभाग से मानचित्र स्वीकृत नहीं मिलेगा, यदि मानचित्र मिल भी गया तो विधालय भवन निर्माण मानचित्र के अनुरूप नहीं मिलेगा । यहाँ तक की प्राधिकरण विभाग से स्कूलों में भवन निर्माण का सम्पूर्ण प्रमाण - पत्र भी प्राप्त नहीं किया होगा ? जब कि बिना सम्पूर्ण प्रमाण पत्र प्राप्त किए भवन का उपयोग नहीं किया जा सकता है । उत्तर प्रदेश शासन से जारी उक्त शर्तों का पालन करना निजी पब्लिक स्कूलों में अनिवार्य है,जो निजी पब्लिक स्कूलों में मानकों का पालन नहीं हो रहा है । किसी भी समय उक्त शर्तों में से किसी भी शर्त का उल्लंघन होने पर उत्तर प्रदेश शासन शिक्षा विभाग द्वारा प्रदत्त अनापत्ति प्रमाण पत्र को वापिस लेने का भी प्रावधान है। अरुण गुर्जर अध्यक्ष गुर्जर वीर राष्ट्रीय महासभा ने जनहित निजी पब्लिक स्कूलों की जांच की मांग की है,दोषी पाये जाने पर स्कूल के संचालक के विरुद्ध वैज्ञानिक कार्रवाई होनी चाहिए ।

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