गुरुवार, 14 मई 2020

कामगार-श्रमिक हमारी ताकत व पूंजी

एमएसएमई सेक्टर के 57,000 उद्यमियों को 2000 करोड़ से अधिक का लोन


• केंद्र से राहत पैकेज की घोषणा के 24 घंटे भीतर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शानदार पहल


• मुख्यमंत्री की इस पहल से एमएसएमई सेक्टर में श्रृजित होंगे 2 लाख रोजगार के अतिरिक्त अवसर


• ओडीओपी से जुड़ी इकाईयों के लिए बूस्टर साबित होगी यह पहल


• पारदर्शिता के लिए ऑन लाइन की गयी पूरी पक्रिया


लखनऊ। केंद्र से आर्थिक पैकेज की घोषणा के 24 घंटे के भीतर ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोन मेले के जरिए एमएसएमई सेक्टर को वह बूस्टर डोज दे दी जिसकी उसे प्रतीक्षा थी। दरअसल एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के जरिए इसकी तैयारियां तो पहले से थीं। कोरोना के नाते इसमें कुछ गतिरोध आया था। कोरोना से इसकी बेहतरी का अवसर भी मिला। अवसर मिलते ही मुख्यमंत्री ने इस सेक्टर को राहत देने में तनिक भी देर नहीं की। इस क्रम में बुधवार को अपने आवास पर आयोजित ऑनलाइन लोन मेले में उन्होंने करीब 56 हजार 754 उद्यमियों को दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के लोन बांटे गये। इससे दो लाख से अधिक लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलेगा। लॉकडाउन अवधि में इतने कम समय में इतने उद्यमियों को इतनी बड़ी धनराशि का लोन पूरी पारदर्शिता के साथ देने वाला उप्र पहला राज्य बन गया।


एमएसएमई का साथी पोर्टल भी लांच
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने एमएसएमई का साथी पोर्टल भी लांच किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमारे कामगार और श्रमिक हमारी ताकत और पूंजी हैं। हम इनके श्रम और हुनर का हर संभव उपयोग कर उप्र को देश और दुनिया का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाएंगे। उप्र के माथे पर पलायन को जो कलंक है उसे हरदम के लिए मिटाने को हमारे लिए यह बेहतरीन मौका है। दूसरे प्रदेश से आने वाले श्रमिकों का प्रदेश के नवनिर्माण में संभव उपयोग हो इसके लिए हर श्रमिक की दक्षता का रिकार्ड भी तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे दीपावली का पर्व है। इस दौरान पूरे देश में चीन से आने वाली गौरी-गणेश की मूर्तियां बड़े पैमाने पर बिकती हैं। हमारी कोशिश रहे कि इस बार स्थानीय इकाईयां उसका विकल्प दें। टेराकोटा के सामान बनाने वाले गोरखपुर के उद्यमियों में यह हुनर है। वह चीन से भी बेहतर गुणवत्ता की मूर्तियां बना सकते हैं। इसके लिए उनकी हर संभव मदद की जाए। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र का एमएसएमई सेक्टर भारत में सबसे बड़ा है। इस सेक्टर में कई ऐसी इकाईयां ने जिनके उत्पाद की पूरे देश और दुनिया में धूम है। जरूरत इनको अवसर मिलने की है। कोरोना महामारी के दौरान ही यूपी में पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) की 26 नई इकाईयां लग गयीं। ऐसे और भी उदाहरण हैं। 


ओडीओपी ‘पर विशेष फोकस
सर्वाधिक संभावना एक जिला एक उत्पाद के क्षेत्र में है। इस आर्थिक पैकेज का लाभ सभी जिलों की ऐसी इकाईयों को मिलेगा। उन जिलों के उत्पादों की देश दुनिया में पहचान और मजबूत होगी जिनके उत्पाद पहले से ही ब्रांड के रूप में स्थापित हैं। इससे स्थानीय स्तर पर न्यूनतम पूंजी में अधिकतम रोजगार मिलेगा। साथ ही प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ेगी।


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