रविवार, 17 मई 2020

गरीब देशो को पीछे नहीं छोड़ना चाहिए

बीजिंग/ वाशिंगटन डीसी। 73वीं विश्व स्वास्थ्य महासभा के पूर्व दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति किरिल रामफोसा, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री गोर्डन ब्राउन समेत 140 से अधिक राजनीतिज्ञों और विशेषज्ञों ने संयुक्त रूप से खुला पत्र जारी कर यह अपील की कि कोविड-19 के टीके का विकास होने के बाद उसे पेटेंट अधिकारी नहीं होगा और विश्व भर में इस का मुफ्त प्रयोग किया जाना चाहिए।


गरीब देशों को पंक्ति के पीछे नहीं छोड़ा जाना चाहिए। 
इस खुले पत्र को जारी करने की पृष्ठभूमि ऐसी है: फ्रांसीसी दवा कंपनी सानोफी के उच्च पदाधिकारी ने हाल ही में बताया कि अमेरिका ने उस टीके के विकास में सर्वाधिक पूंजी लगायी, अमेरिका को टीके के प्रयोग में प्राथमिकता मिलेगी। यह बात सामने आने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हल्ला मच गया है। फ्रांसीसी सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव से उस कंपनी ने अपना रूख बदलकर कहा कि अमेरिका को सिर्फ अपने ही देश में उत्पादित होने वाले टीके के प्रयोग में प्राथमिकता मिलेगी।


इस घटना से जाहिर है कि अमेरिका को कोविड-19 के टीके पर एकाधिकार जमाने की बदनीयत है।


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