शनिवार, 23 मई 2020

चंबल में बसपा की जीत संभव नहीं

मालवा मे बसपा का नहीं है जनाधार


उज्जैन।मालवा मे बसपा का कोई भी जनाधार नहीं है उज्जैन संभाग में आगर विधानसभा में उप चुनाव होना है । यहां पर कांग्रेस और भाजपा की टक्कर का माना जा रहा है।मालवा क्षेत्र से बसपा ने उम्मीदवार घोषित किए थे लेकिन उनकी जमानत जप्त हो गई थी। 


यह विधानसभा उपचुनाव राज्य की सियासत के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि राज्य की सत्ता पर काबिज पार्टी के पास बहुमत के लिए 116 विधायकों का होना जरूरी है और इस समय भाजपा के पास 107 ही विधायक हैं। इसलिए इस उपचुनाव में भाजपा के लिए कम से कम 9 सीटें जीतनी जरूरी है। कांग्रेस अब तक यही मानकर चल रही थी कि इन सभी 24 स्थानों पर उसका भाजपा से सीधा मुकाबला होगा और दलबदल करने वाले उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान जनता को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। इस स्थिति का लाभ कांग्रेस के उम्मीदवारों को मिल सकेगा। 


बसपा ने कांग्रेस को डेढ़ साल तक सत्ता चलाने में मदद भी की थी। इसी बीच बसपा प्रमुख मायावती ने सभी 24 स्थानों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला कर कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। बसपा के चुनाव मैदान में उतरने से कांग्रेस की मुश्किल बढ़ने की वजह है। दरअसल, जिन 24 स्थानों पर चुनाव होना है, उनमें से ज्यादातर विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर-चंबल संभाग के हैं और इस इलाके में बसपा के प्रभाव को कोई नकार नहीं सकता। यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश की सीमा पर भी है। वहीं चंंबल संंभाग में सिंंधिया नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा जैसे दिग्गज नेताओं की कमी नहीं है। ऐसे में चंंबल संभाग मे बसपा की जीत आसान नहीं है ।


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