रविवार, 10 मई 2020

ब्लाक में कर रही समान की आपूर्ति

कागजों पर संचालित फर्मे, बहादुरपुर ब्लाक में कर रही सामानों की आपूर्ति


प्रधान संघ के पदाधिकारियों ने मामले की शिकायत


उच्चाधिकारियों से कर सामानों की आपूर्ति करने वाली फर्म की जांच कराये जाने की मांग की 
सहसों कार्यालय 


प्रयागराज। बहादुरपुर ब्लाक में सरकारी धन का दुरूपयोग ब्यापक पैमाने पर किया जा रहा है। कागजों पर संचालित हो रही फर्म ब्लाक के कई गांवों में फर्जी बिल के माध्यम से लाखों रूपयें सामानों की आपूर्ति लगातार करते हुए टैक्स की चोरी करने में जुटी है। शिकायत के बावजूद विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नही दे रहे है। प्रधान संघ के पदाधिकारियों ने कागज पर संचालित हो रही तथाकथित फर्मो की जांच कराये जाने व कर की चोरी में संलिप्त फर्म संचालक के विरूद्ध जांच कराकर कार्यवाही किये जाने की मांग किया है।
अखिल भारतीय पंचायत परिषद उत्तर प्रदेश के बैनर तले संघ के पदाधिकारियों ने प्रदेश सचिव सत्येन्द्र त्रिपाठी की अगुवाई में मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारियों से एक प्रतिनिधि मण्डल भेटकर ब्लाक बहादुरपुर के अधिकांश गांवों में सामानों की आपूर्ति करने वाली फर्म कागज पर संचालित है। फर्जी बिल के माध्यम से लाखों रूपयें की कर चोरी की जा रही है। मामले का खुलाशा तब हुआ जब कसेरूआ कला गांव के प्रधान लक्ष्मी चन्द्र केसरवानी उर्फ राहुल केसरवानी ने कोविद 19 पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में मानदेय जमा करने के लिए गांव के ग्राम पंचायत अधिकारी राज कुमार सिंह के कहने पर पड़ोस के गांव महरौड़ा के ग्राम पंचायत अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह के पास मानदेय का भुगतान करने के लिए गये। प्रधान का आरोप है कि दिनेश प्रताप सिंह ने ढ़ोगल लगवाकर मानदेय का भुगतान करने के बजाय झांसा देकर 952602 रूपयें यूनिक एंटरप्राइजेज एवं सुपर कन्ट्रक्शन में पैसा जमा कर लिये। मामले की जानकारी होने पर ग्राम प्रधान के पैरो तले जमींन खिसक गई। विभागीय अधिकारियों से शिकायत करने के साथ फर्म की जीएसटी आदि की जांच कराई तो ब्लाक बहादुरपुर के अधिकांश गांवों में सामानों की आपूर्ति करने वाली तथाकथित फर्मो की जीएसटी निरस्त पाई गई। प्रधान संघ के पदाधिकारियों का आरोप है कि इन दोनो फर्मो की कोई दूकान नही है। ब्लाक के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से पचासों ग्राम पंचायतों में राज वित्त, चैदहवां वित्त, क्षेत्र पंचायत, मनरेगा के पक्के कामों का भुगतान इन्ही फर्मो को धड़ल्ले से किया जा रहा है। आश्चर्य तो यह है कि लाॅक डाउन के दौरान मनरेगा श्रमिकों के बकाया भुगतान करने के बजाय तथाकथित टैक्स की चोरी में जुटी फर्मो को किया जा रहा है। अखिल भारतीय पंचायत परिषद के पदाधिकारियों सहित कई गांवों के प्रधानों ने जिलाधिकारी प्रयागराज का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए कागजों पर संचालित हो रही फर्मो की जांच कराये जाने व दोषियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने की पुरूजोर मांग किया है।


बृजेश केसरवानी


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